तुम मुझे सबसे ज्यादा पसंद हो
तुम मुझे सबसे ज्यादा पसंद हो
मैं और तुम आखिरी मुलाकात के लिए उस दिन यूं ही साथ चलते चलते बगीचे में पीले फूलों से भरे पेड़ की छांव में बैठ गए। दिन भर की थकान ओर उदासी से कुम्हलाया मेरा चेहरा तब खिल उठा जब तुमने उसी डाली के फूल को तोड़ कर बड़े प्यार से मेरे बालों में लगाते हुए कहा "तुम मुझे सबसे ज्यादा पसंद हो और हर बार जब भी मैं तुम्हें देखता हूं, मुझे फिर से प्यार हो जाता है।" तुम्हारे मां और बाबा के इनकार के बावजूद हम एक दूसरे के प्रेम की कसौटी पे खरे उतरे शायद तभी मैं आज भी तुम्हारी जीवनसंगिनी हूं।

