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AMAN SINHA

Tragedy

4.5  

AMAN SINHA

Tragedy

तुम बदल गये हो

तुम बदल गये हो

6 mins
409

"सुनो, पिछले कुछ दिनों से मैंने महसूस किया है कि अब हमारे रिश्ते में पहले जैसी गर्माहट नही रही। अब शायद हम दोनों के बीच वैसा प्यार नहीं रहा जैसा तीन साल पहले हुआ करता था। मुझे लगता है कि तुम बदल गये हो।"

"मैं बदल गया हूँ? मैं?"

"हाँ तुम बदल गये हो। अब तुम मुझे पहले जैसा प्यार नही करते। ना तो तुम्हे मेरी फिक्र है और ना ही मेरी क़दर ही करते हो।"

"और ऐसा तुम्हे क्युँ लगता है? बताओगी।"

"वो सब मुझे नहीं पता, बस अब तुम पहले जैसे नही रह गये। अब तुम्हारे और मेरे विचारों मे भी फर्क़ आने लगा है। अब तुम्हारी पसंद भी मेरी पसंद से अलग होने लगी है। मुझे लगता है कि शायद अब हमे एक दुसरे से अलग रहकर खुद को कुछ दिनों का समय देना चाहिये ताकि हम समझ सकें और यह तय कर सकें कि क्या हम एक दुसरे के साथ आगे की ज़िंदगी काटना चाहेंगे? "

"यह सब तुम क्या कह रही हो? तुम खुद को सुन भी रही हो या फिर बस जो कुछ भी मूँह मे आ रहा है कहती जा रही हो?'"

"हाँ मैं खुद को सुन भी रही हूँ और पुरे समझ के साथ यह कह भी रही हूँ। शायद यही सही समय है, हमें एक दुसरे से के बारे में और हमारे रिश्ते के बारे में दोबारा से सोचना चाहिये।"


****** तीन साल पहले ******

"मुझे तुम्हारा अंदाज़ असंद आया। जिस तरह से तुमने मुझे प्रपोज़ किया है ऐसे आज तक इसी ने मुझसे बात तक नहीं की। मुझे लगता है कि हमें इस रिश्ते को थोडा समय देना ही चाहिये। अगर सबकुछ हम दोनों के मनमुताबिक हुआ तो हो सकता है कि हम हमेशा-हमेशा के लिये एक दुसरे कि हो जायें।

तो क्या मैं तुम्हारी तरफ से हाँ समझूँ?"

"हाँ, मुझे तुम्हारा प्रेम प्रस्ताव स्वीकार है। मगर मेरी कुछ शर्तें है।"

"कैसी शर्तें?"

"अर्रे डरो मत, कुछ खास बडी शर्तें नही है। बस दो एक बात जो मुझे तुम्हारे अंदर सही नहीं लगती बस वही।"

"वो कौन सी बातें हैं, बताओ। मैं उन्हे बदलने की पूरी कोशिश करुंगा।"


****** दो हफ्ते बाद******

"देखो मुझे तुम्हारा उन बेकार के दोस्तों के साथ उठना बैठना अच्छा नहीं लगता। वो सब के सब बर्बाद लडके हैं। उनके साथ रहोगे तो तुम भी बर्बाद हो जाओगे। मैं तुम्हे अपने दोस्तों से मिलाती हूँ। उनका कुछ स्टैंडर्ड है, एक इमेज है। उनके साथ ऊठोगे, बैठोगे तो तुम्हारे लिये भी फायदेमंद होगा।"

"ठीक है अगर तुम कहती हो तो मैं ऐसा ही करुंगा। आज हीं उन सभी से मैं अपनी दोस्ती तोडता हूँ। मुझे तो बस तुम्हारा साथ चाहिये।"

"सच में, तुम मेरे लिये ऐसा कर सकते हो? मेरे जानु.... आई. लव... यू........"


****** एक महिने बाद ******

"कितनी बार कहा है कि तुम हरे रंग की शर्ट नही पहना करो। मुझे यह रंग बिल्कुल भी पसंद नही। बस एक ही बात तो कही थी तुमसे, तुम मेरे लिये इतना भी नहीं कर सकते?"

"अरे जान तुम्हारे लिये तो मैं हरा रंग क्या, कहो तो इस धरती से पुरी हरियाली ही गायब कर दूँ। आज से मेर पसंदीदा रंग वही है जो तुम कहो।"

"तो फिर आज से तुम हल्के पिले रंग के कपडे ज्यादा पहना करो।"

(अपने मन को मारते हुए) "ठिक है आज से पीला ही मेरा प्यारा रंग हुआ।"


****** दो महिने बाद ******

"सुनो, सुना है कि तुम्हारी कम्पनी तुम्हे दूसरे शहर भेज रही है? पर मैं चाहती हूँ कि तुम यहाँ से कहीं नही जाओ। मैं हमेशा तुम्हारे साथ रहना चाहती हूँ।"

"मगर जानु, वहाँ जाने पर मुझे प्रमोशन मिलेगा। तंख्वाह तो बढेगी ही साथ-ही-साथ ओहदा भी बढेगा। अब हम रिश्ते में भी तो आगे बढने की सोच रहे है ना, तो फिर अगर मैं जल्द-से-जल्द स्थिर ना हो पाया तो फिर हम आगे कैसे बढेंगे?"

"वो सब कुछ मुझे नही पता। मैं तो बस इतना चाहती हूँ कि तुम यह नौकरी छोड कर किसी दुसरी नौकरी पर लग जाओ, जहाँ तुम्हे बाहर जाने की जरूरत ना पडे। क्या होगा, थोडे पैसे कम या ज्यादा मिलेंगे। मगर मैं यह शहर छोड कर नहीं जाना चाहती।"

"ठीक है, तुम जैसा चाहो वैसा ही होगा। बस मैं तुम्हारे साथ रहना चाहता हूँ। तुम्हे अपनी ज़िंदगी का हिस्सा बनाना चाहता हूँ।"


****** छ: महिने बाद ******

"कब से कह रही हूँ कि तुम ईटालियन और जपानी खाना खाना सिख लो। पता है तुम्हारे साथ मुझे किसी होटल मे जाने मे कितनी शर्मिंदगी उठानी पडती है। तुम्हे तो बस देसी खाना ही पसंद है। मेरी सभी सहेलियो के सामने मेरी इज़्ज़्त का कबारा करवा देते हो तुम।"

"लेकिन इसमे मेरी क्या गलती है। अब मुझे वो सब नहीं पसंद तो फिर मै कैसे खा सकता हूँ?"

"तो क्या मेरे लिये तुम इतना सा भी नहीं कर सकते? बस एक ही बदलाव तो चाहती हूँ मैं तुम्हारे अंदर। मगर लगता है कि मैं कुछ ज्यादा ही मांग रही हूँ।"

"नहीं-नहीं यार, अपना मन इतना छोटा ना करो। ठिक है आज से ही मैं ईटालियन और जापानी खाना खाना सीख लेता हूँ।"


****** एक साल बाद ******

"तुम्हे यह पिक्चर कैसी लगी?"

"यह भी कोई पिक्चर है? ना तो कोई कहानी है और ना ही कोई किरदार ही है। तुम्हे इतनी पकाऊ और बेकार मूवी अच्छी कैसे लग सकती है?"

"पिक्चर तो अच्छी ही है यार। अब तुम्हे अच्छी नही लगी तो.............."

"देखो मुझे ऐसी फिल्मे अच्छी नहीं लगती और मैं चाहती हूँ कि तुम भी ऐसी फिल्मे देखना छोड दो। अगर तुम्हे मेरे साथ रहना है, मुझ से शादी करनी है तो फिर तुम्हे ये तो करना ही पडेगा।"

"जैसी आपकी मर्ज़ी मेरी मल्लिका, हम तो बस आपके गुलाम है।"


****** दो साल बाद ******

"देखो ना, सुना है कि इस हफ्ते एक मस्त की कामेडी मुवी लगी है। मेरे सभी दोस्तों ने उसे देख लिया है। सभी उसकी तारीफ कर रहे है। चलों ना, उसे एक बार देख आते हैं।"

"मगर तुम्हे तो कामेडी फिल्मे अच्छी नहीं लगती है ना?"

"हाँ मगर एक बार टेस्ट बदलने में क्या ही हर्ज़ है?"

"नहीं मुझे वो फिल्म नहीं देखनी। अब मुझे ऐसी फिल्मों से ऐलर्जी होने लगी है।"

"पता था मुझे, तुम बदलने लगे हो। अब तुम्हे मेरी कोई परवाह नहीं रह गयी।"


****** ढाई साल बाद ******

"क्या हो क्या गया है तुम्हे? आज कल तुम्हारा मेरी किसी भी बात पर ध्यान नहीं है। मैंने तुमसे कहा था कि मैंने विदेशी खाना खाना बंद कर दिया है मगर तुम आज फिर से वही ईटालियन और जापानी खाना लेकर आ गये हो। मुझे नहीं खाना यह सब कुछ. उस दिन भी जब मैंने तुमसे कहा कि मेरी कम्पनी मुझे प्रमोशन देकर दुसरे शहर भेज रही है तो तुमने अपनी नौकरी का बहाना करके मेरे साथ जाने से मना ही कर दिया। और जब उस दिन मैंने तुम्हे हल्के हरे रंग की कमीज़ खडिद कर दी थी पहनने के लिये तो फिर तुमने उसे भी लेने से मना कर दिया। और तो और उस दिन तो तुमने हमारेदोस्तों को भी घर बुलाने से मना कर दिया। यह सब कुछ तुम क्युं कर रहे हो? लगता है कि तुम बदलने लगे हो।"


****** तीन साल बाद ******

"हाँ तुमने सही समझा, मैं बदल गया हूँ। तुम्हारे प्यार में अंधा होकर मैं बदल गया हूँ। तुमने मुझमे मेरा कुछ भी छोडा ही कहाँ? पहले मेरे दोस्तों को छूरा दिया, फिर मेरी पसंद भी बदल दी, यहाँ तक की तुमने मेरे खाने की आदतें भी बदल दी। मगर अब जब तुम्हे वो ही सारी चिज़ों की ज़रूरत महसूस हो रही है तो तुम्हे मैं अखडने लगा हूँ। हाँ मैं बदल गया हूँ। मगर अब दोबारा नहीं बदल सकता। तो अगर तुम्हे लगता है कि तुम मेरे साथ नहीं रह सकती, तुम म्रे ज़िंदगी का हिस्सा नही बन सकती तो सही है। तुम मुझे छोड कर चली जाओ। इसिमे हम दोनों की भलाई है।

हाँ मैं बदल गया हूँ।"


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