Kunda Shamkuwar

Tragedy Others

4.2  

Kunda Shamkuwar

Tragedy Others

त्रिकोण में कसमसाता वृत्त

त्रिकोण में कसमसाता वृत्त

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आज ऑफिस में किसी बात पर हम बात कर रहे थे। मुद्दा ये था की लेडीज क्यों रियेक्ट नहीं करती है? आम तौर में ये होता है की पुरुष कोई प्रपोजल सबमिट करता है तो ज्यादातर वह पास हो जाता है। वही अगर महिला करे तो सर्वप्रथम उस प्रपोजल को examine करने के लिए भेज दिया जाता है। वह भी किसी ऐसे व्यक्ति के पास जिसको उसकी A,B C D भी पता नहीं होती है। जिस महिला ने प्रपोजल सबमिट किया होता है उससे बात करने के बाद वह पुरुष उसमे कुछ लिखता है और प्रपोजल examine हो जाता है। आज जब इस तरह हो रही थी तो हमने अपनी इस पीड़ा को स्वर देने की कोशिश की। इसी तरह की बात कर रहे थे की एक महिला बोल पड़ी," देखो, हमें और भी कई सारी चीजें देखनी होती है, जैसे की घर की, अपनी हेल्थ की अपने परिवार की सैकड़ों चीज़े होती है जिसको तवज्जों देना ज़रुरी होता है। ये सब चीजें ठीक करने के लिए टाइम मांगती है और एनर्जी भी। अगर तुम्हारे सीनियर ऑफिसर ने examine करवाया भी तो क्या हुआ? मैंने कहा, "ये मेरे वजूद को और मेरे इंटेलिजेंस को सवाल करने जैसा लगता है rather मुझे being woman professional कमतर आँकने जैसे sound करता है। अगर मैं ऑब्जेक्ट नहीं करुँगी तो मैं 'मैं' नहीं रहूँगी। क्योंकि मुझे गलत को गलत तो कहना होगा।"

वह कहने लगी,"शादी के बाद हम भी अगर मैं मैं करते या गलत को गलत कहते तो हमारी शादी कहाँ टिकनेवाली थी। " और वह निकल गयी। मैं एकदम काठ सी खड़ी रह गयी। उसने कितनी आसानी से मुझे एडजस्टमेंट करने की और करते रहने की नसीहत दे दी। अपने पीस ऑफ़ माइंड को मेन्टेन करने का यही सही तरीका शायद उसने अनुभव किया हो.....मुझे लगने लगा की मैं टूटे पँखों के सहारे ही उड़ने की कोशिश कर रही हूँ और मेरे सपने? क्या वे अब भी बाकी रह गए थे ???


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