Turn the Page, Turn the Life | A Writer’s Battle for Survival | Help Her Win
Turn the Page, Turn the Life | A Writer’s Battle for Survival | Help Her Win

Bhunesh Chaurasia

Comedy

2  

Bhunesh Chaurasia

Comedy

तनिक रस्सी खोलो मालिक

तनिक रस्सी खोलो मालिक

3 mins
58



तिवारी जी और गोयल साहब दोनों घनिष्ठ मित्र और अच्छे पड़ोसी थे हालांकि उन दोनों की आपस में पटती नहीं थी। उसका भी एक मात्र कारण यह था कि तिवारी जी ने एक झबड़ा कुत्ता पाल रखा था। 


गोयल साहब अपने परिवार के साथ निखटु और अकेले थे तथा कुत्ता पालन से अनभिज्ञ भी। दोनों अक्सर मार्निंग वाक पर निकलते तो आपस में पार्क में पहुंचते ही कुत्ते को लेकर तकरार हो जाती जैसे मियां बीवी में टकरार होता है। तिवारी जी चुटकी लेते क्या गोयल साहब इतना कमाते हो फिर भी एक अदद कुत्ता भी नहीं पाल सकते।

 

गोयल साहब का चेहरा उतर जाता लगता जैसे किसी ने सरेआम इज़्ज़त लूट ली हो हालांकि गोयल साहब भी बड़े रसूखदार आदमी थे तो ये कुत्ता क्या बड़ी बात? तैश में आकर एक दिन मौके पर चौका मारते हुए वो भी एक औव्वल किस्म का अलशिसियन कुत्ता ले आए। 


हालांकि कुत्ता लाने के उपरांत उनके परिवार के लोग दुखी हो गए थे। एक दिन ऐसे ही घुमाते टहलाते उनका कुत्ता उन्हें ही काट खाया। गनीमत ये रही कि उस दिन तिवारी जी कुत्ता टहलाने नहीं गए थे। तो जान बचे तो लाखों पाए तिवारी जी यदि देख लेते तो उनकी इज़्ज़त आबरू मिट्टी में मिल जाती। 


एक दिन पुनः हाथ में पट्टी बांधे गोयल साहब जी अपने कुत्ते के साथ पार्क में टहल रहे थे तभी तिवारी जी दिखे तो बुझे मन से दुआ सलाम किया। तिवारी जी अरे गोयल साहब आप कब लाए कुत्ता और ये हाथ में पट्टी कैसी? गोयल साहब बोले जी अकेले मन नहीं लग रहा था तो दो दिन पहले ही खरीदा पूरे पच्चीस हजार में, तिवारी जी का चेहरा उतर गया मेरा तो ढ़ाई हजार का ही है। 


गोयल साहब का कुत्ता उन्हें इस तरह तिवारी जी से बतियाते हुए देखकर लगा भौंकने, दूसरी तरफ तिवारी जी का कुत्ता उनके पीछे दुबका पड़ा था। गोयल साहब तिवारी जी लगता है आपका कुत्ता तो गूंगा है? कुछ बोल क्यों नहीं रहा है भौंकना नहीं आता क्या? 


तभी तिवारी जी का कुत्ता भी दबी जुबान से दो बार भौं भौं किया तो उनके जान में जान आई।

गोयल साहब का कुत्ता अब भी तिवारी जी को देखकर भौंके जा रहा था तो उनसे रहा नहीं गया।


तिवारी जी, गोयल साहब आपका कुत्ता मुझे देखकर इतना क्यों भौंक रहा है? गोयल साहब, देखिए तिवारी जी यह विशेष किस्म का कुत्ता है, किसी आदमी के दिमाग में चल रहे बातों को पढ़ लेता है। सो अभी कुछ देर पहले आपने इसके मिलने का पता और दाम-वाम पूछा था तो यह मुझसे कह रहा है मालिक तनिक रस्सी खोल दीजिए ताकि तिवारी जी को मैं अपना कीमत बता सकूं। 


तिवारी जी को कुछ कहते न बना लेकिन मन ही मन में सोच रहे थे बड़े आए थे मुकाबला करने कुत्ता पालना हर किसी की बुत्ते की बात नहीं काट खाया ना। गाय भैंस बकरी तो कोई पाल सकता है मगर कुत्ता, कुत्ता तो मुझ जैसा नालायक इंसान ही पाल सकता है। कुत्ता दूध नहीं देता तो क्या हुआ समाज में इज़्ज़त प्रतिष्ठा तो बनी रहती है।



Rate this content
Log in

More hindi story from Bhunesh Chaurasia

Similar hindi story from Comedy