लदनी चिरैंय्या
लदनी चिरैंय्या
मेरा नन्हा दोस्त चिंटू मेरे पास बैठा खेल रहा था और मैं कुछ लिख रहा था।
पीठ खुजलाते चिंटू बोला अंतल -अंतल मुझे लोलीपॉप चाहिए।
मैं ने कहा - मेले प्याले चिंटू मेले पास अभी थुल्ले पैसे नहीं हैं फिर कभी दिला दूंगा, जाओ अपने पापाजी से ले लो।
गिड़गिड़ाते हुए चिंटू अपने पापाजी के पास गया और बोला पापाजी-पापाजी मुझे एत लुपिया चाहिए।
चिंटू के पापा बोले भोले भोल एत लुपिया लेतर तिया तलोगे।
चिंटू लोलीपॉप लाऊंगा, चिंटू के पापा जी बोले अभी मेले पास भी थुल्ले पैसे नहीं हैं जाओ अपनी मम्मी से ले लो।
अब चिंटू लोलीपॉप के पैसे के लिए अपनी मम्मी के पास खड़ा था वो भी मुंह लटकाए।
अले मेले लाजा बेटा छुबह-छुबह तिया हुआ जो यूं इस तरह मुंह लटका रखा है?
धीमी आवाज में चिंटू बोला लोलीपॉप चाहिए एत लुपिया दे दो मां ने भी हाथ खड़े कर दिए तो वापस मेरे पास लौट आया और गुमसुम बैठ गया। कुछ देर तक गुमसुम ही बैठा रहा तो मैं ने कहा -बात बनी की नहीं, चिंटू कुछ न बोला।
ऐसा लगा जैसे बच्चे का दिल टूट गया है लिखना बंद किया और चिंटू का हाथ पकड़ तलो।
चिंटू कहां? मैं ने कहा दुतान चिंटू के खुशी का ठिकाना नहीं था उस दिन उसे एक साथ कई लोलीपॉप खरीद दिया।
चिंटू बहुत खुश हुआ। मैं फिर से लिखने बैठ गया और चिंटू लोलीपॉप खा रहा था।
एक बार फिर पीठ खुजलाते एक लोलीपॉप मेरी ओर बढ़ा दिया लो अंतल तुम भी थाओ।
मैं ने कहा -बड़े लोग लोलीपॉप नहीं थाते तुम्हीं थाओ।
चिंटू तो अंतल बले लोद तिया थाते हैं?
मैं ने कहा-बले लोद थाते नहीं पीते हैं।
चिंटू तिया पीते हैं, मैं ने कहा -जाओ अपने पापाजी से पूछ लो।
चिंटू दया और अपने पिता जी से पूछा पापाजी पापाजी बले लोद तिया पीते हैं अंतल बता रहे हैं कि बले लोद थाते नहीं पीते हैं, पिलिज बताइये ना तिया पीते हैं मैं भी पीऊंगा।
चिंटू के पिता जी के मन में आया बता दूं गांजा भांग बीड़ी सिगरेट दारू शराब कोल्डड्रिंक लेकिन संभल गये अभी बच्चा है। डांटते हुए बोले जाओ अभी थेलो जब बड़े हो जाओगे तब खुद पता चल जाएगा।
उदास होकर चिंटू फिर मेरे पास ही आकर बैठ गया और पीठ खुजलाते बोला मुझे अभी दाना सुनना है।
मैं ने कहा अभी नहीं सुनाऊंगा लिखने दो।
चिंटू तिया लिथते रहते हो मैं ने कहा-तुम्हारा किस्सा, कलम खोंसते हुए अभी थोलो, मुझे अभी दाना सुनना है। बाल हठ के आगे झुककर सुनाना ही पड़ा।
लदनी चिंरैंय्या लदन लेने जाय रे चिंटू ते तच्छा हवा में उड़ियाय रे गीत सुनकर चिंटू थाली पीट रहा था येह बहुत अच्छा बहुत अच्छा। वहीं पास के घर से ठंडी हवा का झोंका चलते हैं हल्के हल्के मोबाइल पर कोई भाई साहब थे जो सुन रहे थे।