तेरे नाम
तेरे नाम
आज विभा की रिपोर्ट आई है। विभा को कमजोरी थी। वह तो टेस्ट भी करना नहीं चाहती थी। लेकिन अंकुर ने ज़िद की तब जाकर उसने टेस्ट कराएं। अंकुर रिपोर्ट लेने गया था। वहां जाकर उसे पता लगा कि विभा को ब्रेस्ट कैंसर की फर्स्ट स्टेज है रिपोर्ट इतनी भारी लगने लगे कि उसे उठा नहीं पा रहा....वह भारी कदमों से घर की ओर चल दिया कैसे बताएगा विभा को??? उसके पास इतना पैसा भी नहीं है कि इलाज करा सके। तभी उसने देखा हॉस्पिटल में किडनी के बदले किसी को पैसे दिए जा रहे हैं। उसके दिमाग में विचार आया और अपना नाम नेक्स्ट डोनर में लिखा कर आ गया। विभा ने पूछा रिपोर्ट में क्या है? ?? बोला कुछ नहीं है आज नहीं मिली है अभी एक-दो दिन बाद मिलेगी। और इन दो दिनों में अंकुर जैसे विभा उसका ध्यान रखती है वैसे करने लगा। आज वैलेंटाइन डे है। दोनों घूमने पार्क में आए हुए हैं अंकुर बताना चाहता है लेकिन किस तरीके से बताए। विभा ने पूछा मेरे लिए क्या गिफ्ट लाए हो। तब अंकुर ने कहा कि तुम्हारा गिफ्ट में कल तुम्हें दूँगा ...तुम्हें डॉक्टर को दिखाना होगा तुम्हें फर्स्ट स्टेज की बीमारी है यह बात सुनकर घबरा गई...बोली हमारे पास पैसे भी नहीं है। पैसों का इंतज़ाम हो गया है एक संस्था हमें डोनेशन देने के लिए तैयार हो गई है। लेकिन तुम कैसे संभालोगे अकेले मैं नहीं जाऊंगी हॉस्पिटल। नहीं विभा ऐसा मत बोलो जब तक तुम नहीं आती। मैं तुम्हारी तरह घर को संभाल लूँगा हां अकेला हो जाऊंगा जैसे एक आँख से देख रहा हूं और जब तुम वापस आ जाओगे तो हम दोनों मिलकर अपनी जिंदगी को संभालेंगे कुछ मत सोचो इस पल को जियो देखो एक आँख से भी हमेशा ही दिखाई देता है और तुम अपनी एक आँख बंद करके देखो दोनों एक एक आँखें बंद करके एक सेल्फी लेते हैं। परेशान दोनों हैं लेकिन आज का दिन यादगार बनाना चाहते हैं। .....अगर वह बता देगा कि पैसे कहां से आए तो विभा इलाज भी नहीं कराएगी ....और अंकुर की जिंदगी विभा के बगैर कुछ नहीं और उसको फूल देखकर गाना सुनाता है तेरे नाम हमने किया है जीवन अपना सारा सनम।