स्वर्ग
स्वर्ग
मेज पर पढ़ाई करती हुई मनोरमा अचानक काम वाली अम्मा के कराहने की आवाज सुनकर चौंकी !
उठकर पास जाकर पूछा- क्या हुआ अम्मा? कराह क्यों रही हो? कहीं चोट लगी क्या ?
ना बिटिया! चोट तो नाही लागी मुला आज हमार आदमी हमका बहुत मारिस !
क्या कह रही हो! बारहवीं मे पढ़ रही विद्रोही तेवर की मनोरमा भड़क उठी- मार खा कर क्यों आ गयीं.. तुमने घुमाकर मारा क्यों नहीं उसे !
अरे बिटिया का कहत हो! राम-राम !
अरे आदमी के मारे से तो स्वरग मिलत है! हम ऊका कैसन मार सकत हैं...अम्मा बोली !
वाह रे ! हमारी पितृसत्तात्मक प्रणाली ! वाह रे ! औरतों को दी जाने वाली सड़ी गली सीख !
मनोरमा ने अपना सिर पीट लिया !
