Anju Agarwal

Comedy

3  

Anju Agarwal

Comedy

गोंद के लड्डू

गोंद के लड्डू

3 mins
144


मिनी नहा कर निकली तो उसने किचन में खटर-पटर की आवाजें सुनी! झांककर देखा तो मम्मी जी किचन में उलट पलट कर कुछ ढूंढ रही थीं! 

मिनी की शादी को अभी डेढ़ महीना ही हुआ था, इसलिए कुछ समझ नहीं पाई कि मम्मी जी कुछ ढूंढ रही हैं या सिर्फ बर्तन पटक रही हैं! 

क्या हो गया मम्मी जी? कुछ ढूंढ रही हैं?

 हां! मैंने इस डिब्बे में चार लड्डू निकाल कर रखे थे कि सब एक-एक खा लेंगे.. लेकिन ये देखो.. इसमें दो लड्डू कम हैं! लगता है.. कि बिल्ली आई थी उसने डिब्बा खोल दिया! 

मम्मी जी बड़बड़ाते हुए बोली! 

हम्म! तो यह बात है! मिनी सारा माजरा समझ गई! 

वैसे तो ससुराल में मिनी नई थी लेकिन उसके पति मयंक ने उसे सभी के बारे में बता दिया था और उसी से उसे पता चला कि सासू मां को खाने-पीने की चीजें छुपा कर रखने की आदत है!

 घर में कोई कमी न होने पर भी माँ का ऐसा करना मयंक को कतई नापसंद था! दरअसल शुरुआत में अभाव में जीवन बिताने वाली माँ धीरे-धीरे कंजूस हो गई थीं!

 और अब माँ की ये आदत छुड़ाने की जिम्मेदारी उसने मिनी पर डाली थी! 

नये जमाने की समझदार मिनी को माँ के अहं को ठेस पहुंचाए बिना ये काम करना था! 

मम्मी जी ने चार-पांच दिन पहले गोंद के लड्डू बनाए थे और एक डिब्बे में भरकर रख दिए थे!

 रोज उसमें से चार लड्डू एक छोटे डिब्बे मे बाहर निकाल देती थीं! शायद इस तरह वो परिवार में अपने अधिकार भाव को पुष्ट करती थीं! 

मिनी समझ गयी कि आज मम्मी जी उस पर शक कर रही हैं कि कही उसने बिना पूछे लड्डू खा तो नहीं लिए!

लेकिन मम्मी जी की आदत किसी न किसी तरह से बदलनी तो पड़ेगी! उसने सोचा..

अरे! बिल्ली के आने से तो बड़ी गड़बड़ हो जाएगी मम्मी जी!

क्या ये डिब्बा आपको खुला मिला था?

मिनी बोली! 

नहीं तो! डिब्बा तो मैंने खोला है! 

मम्मी जी ने उत्तर दिया! 

अरे! तो क्या बिल्ली एक लड्डू खाकर डब्बा बंद करके चली गई? 

मिनी ने भोला सा मुंह बनाकर कहा हालांकि मन ही मन उसकी हंसी नहीं रुक रही थी!

अब मम्मी जी सकपका गईं! लेकिन वह भी सास थीं ऐसे कैसे हार मान लेती! लपक कर बोली-जो भी हो! पता तो लगाना पड़ेगा!

मिनी ने नोटिस किया था कि उसके ससुर जी को डब्बे खोल खोल कर देखने और कुछ कुछ खाने की आदत है और ऐसा वो ज्यादातर तब करते थे जब सासू माँ नहाने गई होती थी! शायद डायबिटिक होने के कारण उनके खाने-पीने पर सासू मां का कंट्रोल था!

लेकिन अब सासू मां से यह तो नहीं कह सकती थी कि शायद ससुर जी ने खा लिया होगा!

और वैसे भी इस समय तो मम्मी जी का शक उस पर ही था भले ही वो स्पष्ट कह नहीं पा रहीं थी!

बात आई गई हो गई! मम्मी जी शांत हो गई! शाम को जब मयंक ऑफिस से वापस आए और सब चाय पी रहे थे तो मिनी ने पूछ लिया- मम्मी जी! लड्डूओं का कुछ पता चला! बिल्ली ने खाया था क्या? 

तरुण के सामने बात उठते ही सासू माँ सकपका गईं! नहीं-नहीं वो तो 'इन्होंने' खा लिया था.. तरुण चौंक कर बोले-क्या मम्मी! तुम्हें कितनी बार समझाया है कि खाने की चीजें मत ढूंढा करो!

अरे अपने घर में कोई इंसान पूछ-पूछ कर खायेगा क्या? 

खा लिया होगा किसी ना किसी ने! 

मिनी ने जल्दी से कहा-अरे नहीं! मम्मी जी तो इसलिए पता लगा रहीं थी कि कहीं बिल्ली ने मुँह ना लगाया हो वरना पूरा डिब्बा फेंकना पड़ेगा! है ना मम्मी जी! 

मिनी जल्दी से बोली! और नहीं तो क्या!

मम्मी जी जल्दी-जल्दी बोलीं.. अच्छा चलो तुम लोग बैठो, मैं मंदिर होकर आती हूं! और मम्मी फटाफट उठ कर चल दी!  



Rate this content
Log in

Similar hindi story from Comedy