Swati Roy

Tragedy

5.0  

Swati Roy

Tragedy

सूनी कोख

सूनी कोख

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फिर वही सपना,

बाहें फैलाएं वो बच्चा

उसे पुकार रहा हो

और कह रहा हो


"मां बहुत दर्द हुआ

जब अलग किया तुझसे,

हाथ-पैर अलग कर दिए मेरे।


अपनों ने ही मेरी

पीठ पर छुरी चलाई।" 

आज समझ पायी

चेक-आप के नाम पर

कोख सूनी कर दी गई थी उसकी। 


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