सुन्दर व संस्कारी बहू चाहिए
सुन्दर व संस्कारी बहू चाहिए


"ये नहीं सुमन वो वाला फोटो दिखा मुझे। अपने बेटे अमन के लिए दुनिया की सबसे खूबसूरत लड़की चाहिए और सुन्दरता के साथ साथ संस्कारी भी होनी चाहिए" ममता जी ने अपनी पड़ोसन सुमन से कहा जो एक मैरिज ब्यूरो में काम करती थी। आज बहुत सारी लड़कियों के फोटो लेकर ममता जी को दिखाने आई थी। ममता जी ने एक दो फोटो पसन्द कर लड़की देखने का टाइम भी दे दिया।
ममता जी के पति राकेश जी बहुत ही समझदार और सुलझे हुए व्यक्तित्व से ओत प्रोत थे और काफी देर से दोनों महिलाओं की बातें सुन रहे थे। ममता जी ने सुमन जी से अपने वार्तालाप में कई बार कहा कि हमें सुन्दर और संस्कारी लड़की चाहिए इस शब्द को सुनकर राकेश जी थोड़ा अटपटा महसूस कर रहे थे। क्योंकि वे जानते थे कि उनका बेटा कैसा है, ना उसको काम करना पसन्द है और ना ही वो पढ़ने में कभी भी सीरियस था। दोस्तों के साथ आवारागर्दी करना और बाप के पैसे उड़ाना ये तो उसका मुख्य पेशा था। राकेश जी ने कितनी दफा उसकी नौकरी लगवाई लेकिन मजाल है कि चार दिन से ज्यादा कहीं टिक जाये।
सुमन के जाने के बाद राकेश जी ने ममता जी से कहा, " इतनी देर से देख रहा हूँ ममता तुम गुणगान किये जा रही हो कि दुनिया की सबसे सुन्दर और संस्कारी लड़की चाहिए लेकिन एक बार अपने बेटे की तरफ तो देख लेती कि वो कितना संस्कारी है। न नौकरी करता है ना अपने भविष्य को लेकर जरा सी भी चिन्ता फिकर है अभी भी देख लो घर नहीं आया कितनी देर हो गई घर से गये। दोस्तों के साथ अयाय्शी करने में लगा होगा।
शाम से रात हो गई लेकिन अमन अभी नहीं लौटा राकेश जी ने इन्तजार करते -2 करते खाना खा लिया। ममता जी अभी भी बेटे का इन्तजार कर रही थी फोन मिलाया तो अमन ने कहा वो खाना खाना खाकर आयेगा किसी दोस्त की बर्थडे पार्टी है। बेटे से बात करने के बाद ममता जी भी खाना खाकर अपने कमरे में पहुँच गई। ममता जी को देखते ही राकेश जी ने कहा, " जो सुन्दर और संस्कारी लड़की तुम लाना चाह रही हो अपने नबाब साहब के लिए वो भी तुम्हारी तरह इन्तजार किया करेगी तुम्हारे लाड़ले का अच्छा लगेगा तुम्हें। हम जानते हैं हमारा बेटा कैसा है उसके बावजूद हम किसी लड़की का जीवन बरबाद कर दे ये तो गलत होगा न ममता। "
पति के मुंह से ऐसी बातें सुनकर ममता जी बोली, " सुनिये आप जो कह रहे हैं वो सही है लेकिन शादी हो जायेगी पत्नी घर आ जायेगी तो अमन जल्दी घर भी आयेगा और जिम्मेदार भी हो जायेगा। अभी लड़कपन है उसमें एक बार जिम्मेदारी तो पड़ने दीजिए उसके कान्धों पर देखना मेरा अमन बिल्कुल आपके जैसा बन जायेगा दुनिया का सबसे प्यारा बेटा और सबसे प्यारा पति। "
ममता जी की बात सुनकर राकेश जी थोड़ा शान्त हुये क्सोकि मन ही मन वो भी चाह रहे थे कि उनका बेटा अपने जीवन और परिवार को लेकर जिम्मेदार बन जाये लेकिन शादी के बाद नहीं शादी से पहले ही। ममता जी की आँख लग गयी 12 बजे दरवाजे पर दस्तक हुई तो राकेश जी गये दरवाजा खोलने रात में कोई नाटक नहीं हो इसलिए कुछ बोले नहीं लेकिन अमन से आ रही बू से उन्होने भांप लिया था कि वह पीकर आया था। रात भर राकेश जी सो नहीं पाये सोचने लगे कि क्या कमी रह गई उनकी परवरिश में जो अमन इतना बिगड़ गया। बाप के सामने शराब पीकर घर आ रहा है और उसे कोई शर्मिंदगी नहीं है इस बात की। किसी की बेटी को बहू बनाकर लायेगें कितने सपने देखे होगें उस लड़की ने अपने जीवनसाथी को लेकर अमन तो बिल्कुल भी नहीं है ऐसा लड़का जो किसी लड़की के सपनों का राजकुमार बने। वो किसी की बेटी का जीवन खराब नहीं होने देंगे इस उम्मीद में तो कदापि नहीं कि शादी हो जायेगी तो जिम्मेदार हो जायेगा।
अगले दिन सुमन फिर आई ये बताने कि कल लड़की देखने जाना है। रात को ममता जी ने राकेश जी को बताया कि सुबह ऑफिस से छुट्टी ले लेना कल हमें अमन के लिए लड़की देखने जाना है सुमन बता रही थी बडी़ ही सुन्दर और संस्कारी है वो लड़की घर परिवार भी अच्छा है उसके पिताजी की भी सरकारी नौकरी है और वो हमारे अमन से भी ज्यादा पढी़ लिखी है।
राकेश जी उस समय कुछ नहीं बोले अगले दिन सुबह जैसे रोज अपने ऑफिस के लिए निकलते थे वैसे ही तैयार होकर जाने लगे। उन्हें जाते देख ममता जी बोली, " अरे आप कहां जा रहे हैं अमन के पापा 11 बजे हमें लड़की देखने जाना है। "ममता जी की बात सुनकर राकेश जी बोले, " नहीं ममता हम लड़की देखने नहीं जा रहे हैं और जब तक नहीं जायेगें जब तक तुम्हारा बेटा परिवार के प्रति अपनी जिम्मेदारी उठाना नहीं सीखेगा। जिस लड़के को अपने जन्म देने वाले मां बाप की फिकर नहीं है वो भला पराये घर से आई लड़की की परवाह कैसे करेगा। मैंने अपने बॉस से इसकी नौकरी की बात कर ली है अगर इसे रूचि हो तो भेज देना ठीक 11 बजे ऑफिस में। " राकेश जी ये कहते हुये निकल गये और ममता जी उन्हें ताकती रह गई।
दोस्तों, हर व्यक्ति की मानसिकता अगर राकेश जैसी हो जाये तो किसी भी लड़की का जीवन बर्बाद न हो। लड़की में खूबियां ढूंढने वाले माता पिता को ये अवश्य देख लेना चाहिए क्या उनका बेटा काबिल है उस लड़की के। सुन्दर व संस्कारी लड़की की चाह रखने वाले माता पिता को अपने बेटे को भी जिम्मेदार और संस्कारी बनाना चाहिए।