Shalini Dikshit

Tragedy

5.0  

Shalini Dikshit

Tragedy

सरकारी अस्पताल

सरकारी अस्पताल

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 "डॉक्टर साहेब ! आपई कर देउ ऑपरेसन इतना रूपया हमरे पास नाई है, कि दूसरे सहर लई जाई।" मीनू गिड़गिड़ा रही थी।

मीनू के पति के पेट में काफी समय से दर्द था । वह सरकारी अस्पताल ले गई पति को, वहाँ डॉक्टर ने जवाब दे दिया और बोले, "लखनऊ के मेडिकल कॉलेज ले जाओ मैं ऑपरेशन नहीं कर सकता।"

वह रो-रो के मिन्नतें करती रही, "आप ही कर देते मैं घर-घर में काम करती हूं, मेरे पास इतने पैसे नहीं हैं " लेकिन डॉक्टर ने जवाब दे दिया।

एम्बुलेंस चल दी तो धीरे से ड्राइवर बोला अगर आप को न ले जाना हो, तो मैं एक प्राइवेट हॉस्पिटल जनता हूँ। इसी शहर में हंै, वहाँ ले चलें,पैसा यहाँ से ज्यादा लगेगा पर हो जाएगा।"

 "ठीक है......" सब ने बोला, "चलो।"

शाम को ऑपरेशन हो गया, सफल रहा ।ऑपरेशन थिएटर से डॉक्टर बाहर निकले, देखते ही

मीनू बोल पड़ी, "आप को ही करना था डॉक्टर साहेब तो वहीं कर देते , साठ हजार का कर्ज उतारने में अब हमें सालो लगेंगे।"

 डॉक्टर उसको घूरते हुए निकल गए।


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