सर्दियों की छुट्टियां कैसे बिताई
सर्दियों की छुट्टियां कैसे बिताई
मैंने छुट्टियां कैसे बिताई
सर्दी का मौसम बाहर कोहरा छाया हुआ। लॉकडाउन कोरोना वायरस के वजह से सभी स्कूल बंद है परंतु कोई भी रूल छूटा नहीं। जैसा स्कूल में होता था वैसा ऑनलाइन क्लासेस में भी हो रहा है बस फर्क इतना है कि कि हम स्कूल टाइम पर स्कूल जाया करते थे और अब ऑनलाइन क्लासेस लगाया करते हैं। मेरे छुट्टियों की बात की जाए तो बुरी नहीं थी। अच्छा लगता था। थोड़ा देर से उठते थे। अब घर में हैं तो मम्मी से जो बोलो मम्मी वह बना देती है। जो मन करे वह कर सकते हैं जैसे कविता लिखने का मन किया किताब उठाई और लिखना शुरू कर दिया। खेलना तो नहीं मुझे खेलना इतना पसंद नहीं है। हां पर एक चीज है जब भी मेरा मन खेलने का करता है। उस वक्त में परमेश्वर से ढेर सारी बातें करती हूं। काफी अच्छा भी लगता है बातें कर कर। छुट्टियां ज्यादा खास नहीं रही। ठंड थी बस रजाई में घुसे रहने का ही मन करता था। मम्मी के साथ मदद करा ली। एक चीज का अफसोस जरूर होता था मुझे कि यह जो ठंड पड़ रही थी बाहर वह हमारे लिए तो काफी ज्यादा ठीक थी क्योंकि हम अपने घर में थे रजाई में थे पर शायद उन जानवरों के लिए यह बहुत बुरी थी क्योंकि ना ही उनके पास घर था रहने के लिए नहीं आने के लिए कोई रजाई। दिल में सवाल उठते थे कि हम कुछ करें। पर मैं तो एक ही चीज कर सकती थी भगवान से प्रार्थना कि हे प्रभु उन जानवरों की भी रक्षा कीजिएगा। उनके साथ रहना। मेरी छुट्टियां बस ऐसी ही बीत दी गई और मुझे काफी ज्यादा अच्छा भी लगा अपनी छुट्टियों में। धन्यवाद।