कभी माँ का आशिर्वाद तो कभी माँ का अशिर्वाद्र कभी माँ का आशिर्वाद तो कभी माँ का अशिर्वाद्र
लेखक: अलेक्सान्द्र रास्किन ; अनुवाद : आ. चारुमति रामदास लेखक: अलेक्सान्द्र रास्किन ; अनुवाद : आ. चारुमति रामदास
मिस्टर स्मिथ ने ऐसा किया होता तो,आज पांच जिंदगियां नष्ट हो चुकी होतीं। मैं क्या कहती , मिस्टर स्मिथ ने ऐसा किया होता तो,आज पांच जिंदगियां नष्ट हो चुकी होतीं। मैं क्...
तो उसे यहां बर्बाद मत करो, कहीं और आबाद करो तो उसे यहां बर्बाद मत करो, कहीं और आबाद करो
जैसे कविता लिखने का मन किया किताब उठाई और लिखना शुरू कर दिया जैसे कविता लिखने का मन किया किताब उठाई और लिखना शुरू कर दिया
भले ही लिखने की चाल कछुआ चाल ही हो, लेकिन लिखने का जो क्रम जारी है भले ही लिखने की चाल कछुआ चाल ही हो, लेकिन लिखने का जो क्रम जारी है