मेरी प्रेरणा एक रचना लिखने की
मेरी प्रेरणा एक रचना लिखने की
मुझे कविता कहानी लिखने की प्रेरणा विरासत में मिली है ।मेरी माँ भी बहुत शेरो शायरी लिखती थीं ।मैं उन्हे पढ़ती थी चुपके चुपके ।उपन्यास पढ़ना उनका शौक था मैं भी लिखने के लिए उत्सुक रहती ।डायरी में लिखने लगी मैं अपनी आत्मकथा ।एक दिन वो डायरी मेरे पति के बुआ के बेटे ने पढ़ ली और कहा "भाभी जी डायरी मे आपने अपना दुख लिखा है ये गलत है ,आप को कुछ हो गया तो अपके घर के सारे लोग जेल में फंस जाएंगे ।"मैंने वो डायरी जला दी पर मन लिखने को प्रेरित करता मेरे पति देव ने मुझे लिखने को कहा और मैं शायरी लिखने लगी और आज मैं यहां भी लिखती हूँ ।पसंद नापसन्दगी के लिए नही बस एक शौक ।
