सकोरा

सकोरा

1 min
931


"स......को.....रा सकोरा। ये सकोरा क्या होता है माँ ?" मुन्ना ने आरती से पूछा।

"कुछ नहीं" - आरती ने टालते हुए कहा। "बताओ ना माँ " मुन्ना ने फिर पूछा।

"कुछ नहीं। मिटटी का एक कटोरीनुमा बड़ा बर्तन होता है जिसमे हम पक्षियों के लिए पानी भर कर रखते है, खासकर गर्मियों में ताकि उनकी प्यास बुझ सके। चल अब जा यहाँ से, मुझे घर का काम करने दे।"

"माँ मुझे भी एक सकोरा दे दो ना। मैं भी उसमे पानी भरकर रखूँगा आँगन में।"

"अभी नहीं है घर में सकोरा" आरती ने कहा।

"माँ वो देखो। क्रॉकरी की अलमारी में बिलकुल सकोरे जैसा ही बर्तन रखा है, कितना सुन्दर भी है ये। आप ना ये ही दे दो मुझे।"

वो कोई साधारण बर्तन नहीं है। जर्मन क्राकरी है, राहुल मामा लाये थे जर्मनी से।" चल अब जा मुझे काम करने दे।" कहकर आरती ने मुन्ने को रसोई से बाहर भेज दिया।

थोड़ी देर बाद मुन्ना के रोने की आवाज़ सुनकर आरती हांफते हुए आँगन की तरफ दौड़ी। "क्या हुआ मुन्ना। चोट तो नहीं लगी। क्यों रो रहा है।"

"वो देखो माँ " अपने उंगली से इशारा करके मुन्ना ने बताया।

प्यास से तड़प कर नन्ही-सी गोरैया निष्प्राण हो आँगन में गिरी पड़ी थी।

और क्रॉकरी की अलमारी में जर्मन सकोरा चमचमा रहा था।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Tragedy