सीता की अग्निपरीक्षा कब तक

सीता की अग्निपरीक्षा कब तक

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सीता की अग्नि परीक्षा

वो सतयुग था जिसमें भगवान

श्री राम को माता सीता की अग्नि

परीक्षा लेनी पड़ी थी


और आज तो लोगो की मानसिकता

इतनी जलील हो चुकी है कि हर पराई

औरत को गलत नजर से देखने को ताकते है

और तो और एक स्त्री का पति ही

उसका सांसारिक जीवन है


वहीं एक औरत को गलत

साबित करने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ रहे हैं

भले ही मेरे शब्द कठोर हो लेकिन

कहना चाहता हूं कि

एक चौपाल पर कुछ भीड़ बैठी है


 जो पानी लेकर आती जाती

औरतों को देख रहे , कोई सोच

रहा काश थोड़ा सा पलू सरक जाए

तो इसकी कमर दिख जाए ,

कोई सोच रहा है कि काश थोड़ा

घूंघट सरक जाए तो मुंह में ताक लूँ


ये लोगो की मानसिकता बन चुकी है,

और ये ही बातें सुनकर पति अपनी

पत्नी को शक की नजर से देखेगा,

और उसे घर में ही जलील करेगा

अपनी सहनशक्ति की सीमा लांघने

के बाद रोटियां सेंकने वाली आग

में खुद झुक जाती है


ये गलत है

पर क्या कर सकते हैं

ये जमाना है साहिब

जिस कोख से जन्म लिया

उसी कोख को अपवित्र साबित

करने में पूर्ण रूप से भागीदार है।


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