Turn the Page, Turn the Life | A Writer’s Battle for Survival | Help Her Win
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Manju Saraf

Inspirational

4.0  

Manju Saraf

Inspirational

सीख

सीख

6 mins
237



    सुबह पाँच बजे ही नींद खुल गई मौली की ,खिड़की से चिड़ियों की चहचहाहट बड़ी सुमधुर लग रही थी ।सीधे पैरों में स्लीपर डाल निकल गई बालकनी में ,चिड़ियों के घोंसले में एक नन्हे चूजे ने जन्म लिया था ,सब चिड़िया खुशी से चहक रही थीं ,उसका भी मन खुश हो गया ।

हमेशा सुबह से लगातार कॉलोनी में आती गाड़ियों की चिल्लपों के बीच कभी चिड़ियों का चहचहाना इतना मनमोहक नही प्रतीत हुआ ,अभी सड़कों में ख़ालीपन है दूर दूर तक कोई नजर नहीं आ रहा ।


पौधों को भी छुआ तो सिहरन हो गई ठंडी सी हवा के चलते वे एकाएक झूमने लगे मानो उसका अभिवादन कर रहे हों। उसके घर के सामने लगे पेड़ भी भी ठंडी हवा के झोंकों से इठला कर ऐसे हिल रहे थे मानो प्रदूषण के कारण जो जहरीली हवा उनके इर्द गिर्द पसरे रहती थी अब गाड़ियों की रफ़्तार थमने से स्वच्छ हो गई थी। ,कानों में उस सरसराती हवा का गान साफ सुनाई पड़ रहा था ,उसे बहुत खुशी का अहसास हुआ,बरसों इसके लिए ही तरसे थे हम ,भले की किसी बहाने से पर अब जो खुशी  हमारे इतने पास है उसे यूँ ही जाया न होने देंगे हम ।


  नित्य कर्मो से निवृत हो चाय की प्याली लेकर बालकनी में आ गई मौली वह अपनी हर आती जाती श्वांस में इस खूबसूरत क्षण को जी लेना चाहती थी ।


  तभी पीछे से उसके गले मे बाँह डाल आकाश ने गुड

 मॉर्निंग कर उसे विस्मित कर दिया ।


"आप और इतनी सुबह पतिदेव ,छुट्टी का मजा तो ले लीजिए सो सोकर ।"


"सो ही तो रहे थे अब तक मौली हम सब ,जागे तो अब हैं ,अब समझ आया कि हम प्रकृति से कितनी दूर चले गए थे ,ईश्वर ने किसी बहाने से हमारी आँख तो खोली ,अब तो अलर्ट होना है हमें ,मनमानी खूब की हमने ।"

"सच कहा आकाश आपने ,हमारे सपनों की उड़ान तो बहुत ऊँची है ,पर मन ने यथार्थ के धरातल को पीछे छोड़ दिया ,इसी का परिणाम है जो आज हम अपने घरों में कैद हैं ।"


"प्रकृति का तो खूब आनन्द उठा लिया तुमने ,चलो अब कुछ देश सेवा में भी भागीदारी करें ,पर कैसे ?" आकाश बोला ।

मौली ने कहा "वह आप मुझ पर छोड़ें ,देखिए सड़कों पर खड़े ये पुलिस वाले अपनी ड्यूटी कितनी ततपरता से पूरी कर रहे हैं ,इन्हें चाय पिलाकर इनकी एनर्जी बढ़ाई जाए ।"


"वाह आईडिया बुरा नहीं और क्या है तुम्हारे दिमाग में ।"


"आकाश हमसे घर बैठे जो बन पड़ेगा हम जरूर करेंगे ,देखो राह में घूमते ये निरीह प्राणी गाय ,कुत्ते इनकी भी जान पर बन आई है ,होटल्स ,ढाबे सब बन्द पड़े जिनके बाहर खड़े ये अपनी भूख मिटाते थे ,अब कहीं भूख से मर न जाएं इसीलिए मैं रोज इन्हें खाना खिला रही हूं ,बगल के फ्लैट में चार लड़कियांसीख 

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    सुबह पाँच बजे ही नींद खुल गई मौली की ,खिड़की से चिड़ियों की चहचहाहट बड़ी सुमधुर लग रही थी ।सीधे पैरों में स्लीपर डाल निकल गई बालकनी में ,चिड़ियों के घोंसले में एक नन्हे चूजे ने जन्म लिया था ,सब चिड़िया खुशी से चहक रही थीं ,उसका भी मन खुश हो गया ।

हमेशा सुबह से लगातार कॉलोनी में आती गाड़ियों की चिल्लपों के बीच कभी चिड़ियों का चहचहाना इतना मनमोहक नही प्रतीत हुआ ,अभी सड़कों में ख़ालीपन है दूर दूर तक कोई नजर नहीं आ रहा ।


पौधों को भी छुआ तो सिहरन हो गई ठंडी सी हवा के चलते वे एकाएक झूमने लगे मानो उसका अभिवादन कर रहे हों। उसके घर के सामने लगे पेड़ भी भी ठंडी हवा के झोंकों से इठला कर ऐसे हिल रहे थे मानो प्रदूषण के कारण जो जहरीली हवा उनके इर्द गिर्द पसरे रहती थी अब गाड़ियों की रफ़्तार थमने से स्वच्छ हो गई थी। ,कानों में उस सरसराती हवा का गान साफ सुनाई पड़ रहा था ,उसे बहुत खुशी का अहसास हुआ,बरसों इसके लिए ही तरसे थे हम ,भले की किसी बहाने से पर अब जो खुशी  हमारे इतने पास है उसे यूँ ही जाया न होने देंगे हम ।


  नित्य कर्मो से निवृत हो चाय की प्याली लेकर बालकनी में आ गई मौली वह अपनी हर आती जाती श्वांस में इस खूबसूरत क्षण को जी लेना चाहती थी ।तभी पीछे से उसके गले मे बाँह डाल आकाश ने गुडमॉर्निंग कर उसे विस्मित कर दिया ।


"आप और इतनी सुबह पतिदेव ,छुट्टी का मजा तो ले लीजिए सो सोकर ।"


"सो ही तो रहे थे अब तक मौली हम सब ,जागे तो अब हैं ,अब समझ आया कि हम प्रकृति से कितनी दूर चले गए थे ,ईश्वर ने किसी बहाने से हमारी आँख तो खोली ,अब तो अलर्ट होना है हमें ,मनमानी खूब की हमने ।"

"सच कहा आकाश आपने ,हमारे सपनों की उड़ान तो बहुत ऊँची है ,पर मन ने यथार्थ के धरातल को पीछे छोड़ दिया ,इसी का परिणाम है जो आज हम अपने घरों में कैद हैं ।"


"प्रकृति का तो खूब आनन्द उठा लिया तुमने ,चलो अब कुछ देश सेवा में भी भागीदारी करें ,पर कैसे ?" आकाश बोला ।

मौली ने कहा "वह आप मुझ पर छोड़ें ,देखिए सड़कों पर खड़े ये पुलिस वाले अपनी ड्यूटी कितनी ततपरता से पूरी कर रहे हैं ,इन्हें चाय पिलाकर इनकी एनर्जी बढ़ाई जाए ।"


"वाह आईडिया बुरा नहीं और क्या है तुम्हारे दिमाग में ।"


"आकाश हमसे घर बैठे जो बन पड़ेगा हम जरूर करेंगे ,देखो राह में घूमते ये निरीह प्राणी गाय ,कुत्ते इनकी भी जान पर बन आई है ,होटल्स ,ढाबे सब बन्द पड़े जिनके बाहर खड़े ये अपनी भूख मिटाते थे ,अब कहीं भूख से मर न जाएं इसीलिए मैं रोज इन्हें खाना खिला रही हूं ,बगल के फ्लैट में चार लड़कियां हैं कॉलेज पढ़ने वालीं ,जो बस सेवा बन्द होने के कारण अपने घर नहीं जा पाई ,उनकी भी राशन व अन्य जरूरत का सामान देकर मदद करना हमारा धर्म है ।"


भई वाह मौली तुम तो बहुत होशियार निकलीं ।"


"पत्नी किसकी हूँ "मौली ने हँसकर कहा ।

 इधर पक्षियों की चहचाहट तेज हो गई ,मौली ने आकाश से दुखी स्वर में कहा प्रकृति का कितना अजीब मंजर है ये ,कहीं महामारी के कारण मौतें हो रहीं ,कहीं गरीब मजदूरों का पलायन कहीं किसी नवजात के जन्म की खुशी ,कहीं पलायन करते मजदूरों को टीवी पर देखते सभ्य लोगों का अपने ड्रॉइंग रूम में बैठ पकवानों का लुत्फ उठाना ।"


"हाँ तुमने ठीक कहा ,लेकिन इंसान को हौसला नही छोड़ना चाहिए ,इन पक्षियों से सीख लेनी है कि हौसला बुलंद हो तो वह कितनी भी ऊँची उड़ान भर सकता है ,इनकी आवाज से हमें अपने हौसले भी बुलंद करने हैं ,तभी हम लड़ पाएंगे हर आपदा से ।"आकाश ने मौली का हाथ अपने हाथ मे लेकर कहा ।

 पक्षियों की चहचहाहट जारी थी ।


मंजु सराफ - हैं कॉलेज पढ़ने वालीं ,जो बस सेवा बन्द होने के कारण अपने घर नहीं जा पाई ,उनकी भी राशन व अन्य जरूरत का सामान देकर मदद करना हमारा धर्म है ।"


भई वाह मौली तुम तो बहुत होशियार निकलीं ।"


"पत्नी किसकी हूँ "मौली ने हँसकर कहा ।

 इधर पक्षियों की चहचाहट तेज हो गई ,मौली ने आकाश से दुखी स्वर में कहा प्रकृति का कितना अजीब मंजर है ये ,कहीं महामारी के कारण मौतें हो रहीं ,कहीं गरीब मजदूरों का पलायन कहीं किसी नवजात के जन्म की खुशी ,कहीं पलायन करते मजदूरों को टीवी पर देखते सभ्य लोगों का अपने ड्रॉइंग रूम में बैठ पकवानों का लुत्फ उठाना ।"


"हाँ तुमने ठीक कहा ,लेकिन इंसान को हौसला नही छोड़ना चाहिए ,इन पक्षियों से सीख लेनी है कि हौसला बुलंद हो तो वह कितनी भी ऊँची उड़ान भर सकता है ,इनकी आवाज से हमें अपने हौसले भी बुलंद करने हैं ,तभी हम लड़ पाएंगे हर आपदा से ।"आकाश ने मौली का हाथ अपने हाथ मे लेकर कहा । पक्षियों की चहचहाहट जारी थी ।




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