Manju Rani

Tragedy

4.8  

Manju Rani

Tragedy

शक

शक

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सजोय अस्पताल के बरामदे मेंं इधर उधर चक्कर पे चक्कर लगाये जा रहा था उसे समझ नहीं आ रहा था कि निलीमा की अचानक ऐसी हालत कैसे हो गई। बीस साल हो गए शादी को , आज तक ऐसा नहीं हुआ कि उसने खाना-पीना छोड़ा हो। हम दोनों तो बहुत अच्छे से रह रहे थे।कभी कोई लड़ाई-झगड़ा नहीं।फिर कैसे वो इतने डिप्रेशन मेंं चली गयी।उस ने मुझे क्यों नहीं बताया कुछ।एक के बाद एक सवाल उसके दिमाग में दौड़े चले जा रहे थे। तभी डाक्टर ने बताया - "उन्हें होश आ गया है, लेकिन अभी उन से ज्यादा बात मत करना न ही कुछ सवाल जवाब। और मैं एक अच्छे मनोवैज्ञानिक को बुलवाता हूँ।"

सजोय निलीमा के पास स्टूल पर बैठ प्यार से उसके माथे पर हाथ रख सहलाने लगा। निलीमा ने अपनी आखें खोली सजोय को देखा और उसका हाथ पकड़ कर बोली

"आप किसी ओर से प्यार करते हैं?" सजोय हकाबका सा रह गया उसे कुछ समझ नहीं आया वो निलीमा का हाथ कस के पकड़ कर बोलो - "नीलू ऐसा कुछ नहीं, तुझे ऐसा क्यों लगा।मैं तो तेरे सिवा किसी के बारे में सोच भी नहीं सकता । मैं तेरे से बहुत प्यार करता हूँ।"

निलीमा गहरी सांंस लेते हुए धीरे से बोली - "पर पिछले छः महीने से आप किसी क्षुती नाम की औरत से बात कर रहे हैं उससे मिल रहे हैं ।" ये सुन कर सजोय को जोर से हसीं आ गई और वो मुस्कुराते हुए बोलो -" पगली, वो तो हमारे बैंक की एक मुवक्किल यानि क्लाइंट है। उसके पति की एक सड़क दुर्घटना मेंं मृत्यु हो गई थी और उसने कहीं भी अपनी पत्नी को नोमिनी नहीं घोषित किया हुआ है।आजकल ज्यादातर नोमिनी की जगह खाली नहीं छोड़ने देते ,पहले ऐसे नहीं था।इसलिए उसे मुश्किल आ रही है।मैं उस की मदद कर रहा हूँ। बहुत सारे स्टैम्प पेपर और पेपरोंं की जरूरत पड़ रही है। वो स्कूल मेंं नौकरी भी ढूंढ रही है इसलिए वो कभी-कभी रास्ते मेंं मौज रेस्टोरेंट मेंं मुझ से बात करके पेपर दे दिया करती थी । और अब तो उसका सब काम हो गया।अगर तुम्हें अभी भी कुछ शक है, तो तुम्हें उस से मिलवा देता हूँ।"

इतनी देर मेंं नर्स ने आकर कहा - "आप को डाक्टर बुला रहे हैं।"सजोय ने निलीमा से कहा - "मैं डाक्टर से मिलकर आता हूँ।"

सजोय डाक्टर के कैबिन मेंं गया तो डॉक्टर ने उसे मनोवैज्ञानिक डॉक्टर बहल से मिलवाया।दोनों ने एक दूसरे को सम्बोधित किया।फिर डॉक्टर बहल बोले - "मैंने निलीमा जी की सब रिपोर्ट देखी हैं ,उन्हें चैक -अप करने से पहले मैं आप से कुछ पूछना चाहता हूँ।"

सजोय बोले - "पूछिये।"

डॉक्टर -" आप की पत्नी कब से ठीक से नहीं खा रही?"

सजोय - "मुझे ठीक से तो नहीं पता पर मैंने अभी थोड़े दिन पहले नोटिस किया।मुझे वो कमजोर -सी लगी।मुझे लगा शायद उसे बेटे की याद सता रही है।"

डॉक्टर - "मतलब!"

सजोय - "इस साल हमारे बेटे का दाखिला इंजीनियरिंग मेंं हो गया है वो होस्टल चला गया है।"

डॉक्टर - आप के घर मेंं कौन -कौन है?

सजोय - "अभी तो बस मैं और मेरी पत्नी।"

डॉक्टर - "आपके और आप की पत्नी के कैसे सम्बन्ध हैं।? मैं जानता हूँ ये व्यक्तिगत प्रश्न है पर मेरा जानना बहुत जरुरी है इसलिए सही-सही उतर दिजिए।"

सजोय -" हमारे बहुत अच्छे सम्बन्ध हैं।पर अभी मुझे पता चला कि उसे मुझ पर कुछ शक था लेकिन ऐसे तो मैंने पहले भी अपने क्लाइंट की मदद की है।"

डॉक्टर - "हो सकता है पहले वो इतना व्यस्त रहती हो कि उन्होंने ध्यान ही न दिया हो।अब उनका पूरा ध्यान आप पर केंद्रित हो गया हो और वो आप से अधिक समय चाहती हों।आप अपने काम में व्यस्त थे पहले की तरह।बेटे के जाने के बाद से उन्हें अकेलापन लग रहा है ।इसी बीच उन्हें आप पर शक ह़ो गया। ऐसा स्वाभाविक है।बस थोडे़ दिन आप उन का ध्यान रखिए। एक अच्छी दिन-चर्या निभायें। टाइम पर खाने का ध्यान दे सब ठीक हो जाएगा।आप ने सही- सही बताया तो डिप्रेशन की वजह समझ आ गई।इलाज भी आसानी से हो जाएगा।"

सजोय डॉक्टर को धन्यवाद कहता हुआ ,राहत से सांस लेते हुए कैबिन से बाहर आ गया।



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