शिकायत
शिकायत
मुदित ने जैसे ही घर में कदम रखा सुहानी शिकायती लहजे में बिफर पड़ी " आज मम्मी जी ने तो मेरी जान ही ले ली" मुदित बैग मेज पर रखते आश्चर्य से पूछा "माँ ने ?" "हाँ! तुम्हारी माँ के कारण आज दोपहर आलिया ( मुदित की तीन वर्षीय बेटी ) को भूखे ही रहना पड़ा" न जाने कैसे तुमको कैसे खिला पिला के बड़ा किया? क्या वो आलिया को खाना तक नहीं खिला सकती ?
सुहानी के इतने प्रश्नों से मुदित हैरान हो गया। माँ थोड़ी दूरी पर हमारे पुराने मकान में रहती है सुहानी ने आज किटी पार्टी में जाने के लिए व्यवधान न हो इसलिए अपनी सास को घर बुलाया था और उसे सौंप किटी पार्टी में चली गयी थी।
मुदित ने भी एक प्रश्न किया
"आखिर ऐसा क्या हुआ जो माँ आलिया को खाना नहीं खिला पाई?"
सुहानी गुस्से में बोली, "अभी पिछले महीने तुमने अपनी माँ को नया फोन दिया जबकि उनका पुराना स्मार्ट फ़ोन अच्छा था वह भी इसलिए कि मैंने तुमसे नया आइफोन मांगा था तो उसके साथ अपनी माँ के लिए भी लाये थे।अब आलिया बिना मोबाईल में वीडियो देखें तो खाना खाती नहीं, कहानी लोरी सुना के चिड़िया कौआ दिखा कर तो आलिया खा नहीं सकती।इसलिए वह खाना नहीं खा पाई।लेकिन मैं यह भी जानती हूँ तुमसे शिक़ायत करना बेकार ही है तुम ठहरे श्रवण कुमार।
मुदित बुदबुदाया श्रवण कुमार ?
वह सोचने लगा शिकायत किससे करनी चाहिए और क्यों, किस बात के लिए।