मेनस्विच
मेनस्विच
आज अचानक बिज़ली चली गई। घर मे घुप्प अंधेरा छा गया। आनन फानन में संजीव मिस्त्री को ले आया।मिस्त्री ने टोर्च की सहायता से घर का मुआयना किया । घर के कोने में संजीव के बाबूजी लेटे हुए थे, उन्हें देखता हुआ मिस्त्री आगे बढ़ गया।संजीव मिस्त्री को बता रहा था "अभी पिछले हफ्ते ही पूरे घर की नई वायरिंग करवाई है, भाई ज़रा देखो तो सभी नए बटन लगवाएं हैं,पहले ऐ सी और फ्रिज भी नहीं था उसका भी नया पॉइंट बनवाया है, ज़रा यहां भी देखिए वाशिंग मशीन वगैरह के पॉइंट में तो कुछ गड़बड़ी नही हुई।
मिस्त्री लंबी सांसे लेता हुआ, मेन स्विच की ओर बढ़ गया और वह आश्चर्यचकित भी था कि पूरे घर में नई तारें और बटन तो लग गए थे लेकिन मेन स्विच अब भी पुराना था और उसके तार संजीव के बाबूजी की तरह जर्जर अवस्था मे थे। मिस्त्री ने नई तार से जर्जर जले हुये तार के भाग को बदल कर जोड़ दिया। घर में बिज़ली की चकाचौंध फिर से आ गई।
संजीव ने पूछा "आखिर हुआ क्या था ?
मिस्त्री बड़े अनमने भाव से बोला "बाबूजी घर का मेन स्विच ही अगर दुरुस्त ना हो तो बिजली ऐसे ही आती जाती रहेगी ज़रूरी होगा आप मेन स्विच का ख्याल रखें। संजीव के चेहरे पर कई प्रकार के भाव प्रश्नों से अंकित होने लगे।