शिकारी
शिकारी
स्पीड से चलती हुई बहुत तेज आवाज के साथ गाड़ी एक पेड़ से टकराकर बंद हो गई,गाड़ी का बोनट टूट कर अंदर को धंस गया था फ्रंट और साइड के शिशे टूट गये थे
ड्राईवर के चेहरे मे शिशे के टुकड़े गढ़े हुये थे सर बोनट पे झुका था
वो बेहोश हो चुका था
ये हादसा शहर से दूर बीच जंगलो से गुज़रते हुए एक सूनसान सड़क पर हुआ थाकुछ देर बाद ड्राईवर को होश आने लगउसने कराहते हुए गाड़ी का दरवाज़ा खोला और लंगड़ाते हुए गाड़ी से बाहर आया,वो बहुत बुरी तरह ज़ख़्मी था उसके जगह जगह से ख़ून रिस रहा थाबाहर आकर गाड़ी पकड़ते हुए कराहते और लंगडाते हुए गाड़ी की तरफ पहुँचा और कैसे कैसे करके डिक्की को खोला, उसमे रखा एक बड़ा बैग निकाला और डिक्की बन्द कर दी
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वो चुपचाप कॉफी पी रहा था पास में बैठी लड़की उसी तरफ देख रही थी और वो अपने ही ख़्यालो में कहीं डूबा हुआ था कमरे में सन्नाटा था दीवार पर लगी घड़ी की टिकटिक साफ़ सुनी जा सकती थी
"जय" लड़की बोली
"अब इतना सोचने से हालात बदल नही जायेंगे"
"जानता हूं" लड़का बोला,जो काफ़ी अपसेट लग रहा था
"पूजा मैने आकिंत को अपना भाई समझा था" वो अब ग़ुस्से में था " एक झटके में सब कुछ भूल गया वो, क़्या पैसे के लिए लोग इतना गिर जाते हैं जो उन्हें अपनी मौत भी दिखाई नही देती"लड़की बस चुप उसको देख रही थी और फिर जय की ओर देखते हुए बोली
" में जानती हूं जय, अकिंत ने तुम्हारें साथ जो किया गलत किया" लड़की बोल रही थी " अकिंत मेरा भाई था और तुम्हारा दोस्त भी था तुम्हारे बीच में मै कभी नही आई"
" सारा एम्पायर मैंने सेट किया कहाँ से कहाँ तक पहुँचा एक झटके में मुझे सड़क पर खड़ा करके चला गया वो पूजा वो मुझे बरबाद कर गया मगर .. . मगर वो कही भी जायेगा में उसके पीछे. पीछे... जा... ऊॅ ...गॉ" कहता हुआ जय सोफे पर ढेर होता चला गया
पास खड़ी पूजा काफी के प्याले को देखती हुई बड़ी ज़हरीली मुस्कान से मुस्करा रही थी, ज़हर ने अपना काम दिखा दिया था!
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वो लगभग घिसट कर चल रहा था और साथ में एक बड़े से बैग को भी घसीट रहा था,घिसटते हुए काफी दूर निकल कर जहाँ वो पहुँचा वो कोई जंगल में बना पुराने खन्डहर थे जहाँ साफ पानी के नाले थे।वो प्यासा था वो घिसटता हुआ पाती की ओर बढ़ा
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पूजा ने गाड़ी रोकी और पेड से टकराई कार के पास दौड़ी हुई पहुँची उसे गाड़ी खाली मिली वो पलट कर डिक्की को खोला मगर जो वो ढूँढ रही थी वो उसे वहाँ भी नहीं मिला
" अकिंत..... तुम कही मुझे भी चीट तो नही कर गये"
वो खुद से बड़बड़ाई " नही अकिंत तुम जय को चीट कर सकते हो मगर मुझे नही, तुम मेरे जय के सामने भाई थे पर हम पार्टनर है में तुम्हें अपने साथ धोखा नही करने दुँगी"
वो ज़मीन पर बने घिसटते के और ख़ून के निशानो को देखती हुई वो चल पड़ी, अकिंत को ढूंढने
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ख़ून के निशान पूजा को उस पोइन्ट पर ले आये जहाँ से खण्डरों के पानी के पास बड़े से एक पत्थर पर कमर टिकाये बैठा अकिंत बैठा था उसके कपड़े ख़ून से सने साफ़ दिख रहे थे मगर बैग आस पास कहीं दिखाई नहीं दे रहा था
पूजा दौड़ती हुई अकिंत के पास पहुँची मगर मर चुका था, पूजा ने ज़ोर से झिझोड़ा पुकारती रही " अकिंत.... अकिंत" मगर वो बेजान कुछ ना बोला।
अब पूजा ने इधर उधर बैग को ढूँढा जो अकिंत गाड़ी की डिक्की से लेकर यहाँ तक साथ लाया था, मगर बैग कहीं नही था उसे लगा कुछ गड़बड़ है पूजा ने अकिंत की कनपटी से निकलते ख़ून से समझ गई के अकिंत को गोली मारकर बैग छीना गया है, वो घबरा गई और खण्डरों की तरफ कभी जंगल की तरफ घबरा कर देखने लगी उसके सिक्स सेंस मे ये बात आ चुकी थी के किसी ने जख़्मी अकिंत को मारकर रुपयो से भरा बैग छीना है और वो अभी यहीं है
वो चारों तरफ देखती हुई पिछे हटने लगी वो यहा से अब फ़ौरन भागना चाहती थी, तभी अचानक ठीक उसकी कनपटी से गोली अपनी रफ़तार और आवाज़ के साथ निकलती हुई चली गई, पूजा चीख मारती हुई गिर पड़ी, कराहती हुई जब उठने की कोशिश करती हुई ने जब सामने देबा तो आँखे मारे हैरत के फैलती चली गई, जो वो देख रही थी सचमुच वो हैरत अंगेज मन्ज़र था
पूजा से कुछ फासले पर जय खड़ा था हाथ में पिस्टल लिये, बैग उसके बराबर मे पड़ा थावो चहल क़दमी करते हुए पूजा के पास पहुँचा और उसके बहुत क़रीब बैठ कर उसके चेहरे के बहुत क़रीब अपना चेहरा सटाकर जय बोला
" तू दो साल साथ रहकर जय को एक कॉफ़ी के कप में ज़हर दे देगी और जय मर जायेगा... नही ऐसे नही मरेगा जय"
जय बोल रहा था और पूजा डर से अब काँप रही थी
" पहले तेरा भाई आया मेरे पास, भाई तो कहती थी तू ना इसको" कहते हुए जय ने अकिंत की पास पड़ी बॉडी पर एक भरपूर ठोकर मारी जिससे उसका शरीर दूर जा गिरा
पूजा मारे खौफ़ के चीख पड़ी
" तूम दोनो मुझे बरबाद करने का प्लान बना रहे थे और मैं तुम्हें दुनिया से उड़ाने का" वो अब राज़ बता रहा था। मैने ही उसे इतना पैसा दिया था ताकी तुम्हें जो करना है करो और में वो करू जो में करता आया हूं तुम जैसो के साथ"
" अब अगर मरना ही है " पूजा ने जय के कान में कहा "जय सिंह डॉन को भी साथ मरना होगा" और पिस्टल उसके सीने पर लगा दिया, जय ने घूरते हुए अपने पिस्टल की नाल उसके माथे से लगा दि..!
दो शिकारी एक दूसरे के जाल में फंस चुके थे