सही कायदा
सही कायदा
नाराज़ मां ने गुस्से में बेटे से कहा, “बेटा कायदा तो कहता है कि तू अपने पिताजी की तेरहवीं पर 21 ब्राह्मणों को भोजन करा और तू सिर्फ एक ब्राह्मण को कल भोजन कराएगा।”
बेटे ने मां के सिरहाने महीने भर की उनकी शूगर की दवाएं रखी और प्यार से बोला, “नहीं मां कायदा कहता है कि मैं मरे इंसान से ज्यादा कद्र ज़िंदा इंसान की करूं और अपनी चादर से बाहर पैर ना निकालूं।”
मां भी सही कायदा समझ हल्के से मुस्करा दी।