सबूत
सबूत
अपराधिनी जेन को मौत की सजा सुनाई जा चुकी थी. सारे साक्ष्य उसके ख़िलाफ़ मौजूद थे.उसने स्वयं कबूल किया था कि उसने ही मकान की छत का स्लैब मार्टिन के ऊपर ढकेला था जिससे मार्टिन उसके नीचे दब कर मर जाये. क्योंकि वह उसका घर तोड़ रहा था जो उसने कभी बड़े प्यार और मोहब्बत से बनाया था.
पर कागज़ पर कलम की निब ज्यों की त्यों बरक़रार थी.जैसे कोई शक्ति उसे टूटने से रोक रही हो.कलम की स्याही भी सूख चुकी थी.
जज साहब ने कटघरे की ओर देखा वहाँ कोई नहीं था. जस्टिस जोसेफ फर्नांडिस की ज़िन्दगी में ऐसा मुकदमा पहली बार लड़ा गया था जिसमेँ मौत की सज़ा
पाकर भी अपराधी उनकी पहुँच से बाहर था.यहाँ तक कि उनके द्वारा लिखे गए अंतिम निर्णय के ऑर्डर की इबारत भी मिट चुकी थी.
उनके सामने पड़ा कोरा कागज़ जेन के इस दुनिया में न होने के सबूत की कहानी कह रहा था.फिर भी हत्या तो हुई थी.सज़ा भी दी गई पर आरोपी पहुँच के बाहर था.पर उसने वह सब कर दिखाया था क्योंकि उसका पति विलियम उसका घर तोड़ कर अपनी प्रेयसी नैन्सी के साथ नये सिरे से घर बसाना चाहता था.
सौत तो आख़िर काठ की भी बर्दाश्त नहीं होती जेन कैसे बर्दाश्त करती?
हत्या तो मानसिक और शारीरिक तौर पर जेन की भी हुई थी जिसका प्रमाण वह स्वयं थी पर अदृश्य थी.
अब जेन का अगला शिकार उसका पति विलियम था.जिससे हर कोई अनजान था.