टास्क नम्बर 6
टास्क नम्बर 6
साम्राज्ञी
प्रिन्स हेनरी के साथ सरोवर किनारे घूमते हुए सेनोरिटा को लगा जैसे उसके प्यार का संसार मुकम्मल हो गया। बांहों में बाहें डाले दोनों एक दूसरे के प्रति अपना प्रेम प्रदर्शित कर ही रहे थे कि सरोवर से कुछ पानी के छींटे सेनोरिटा के हाथ पर पड़े।
सेनोरिटा हैरान रह गई। वह पानी नहीं रक्त के छींटे थे।
सेनोरिटा शायद बहुत कोमल हृदय की थी। अपने हाथों पर पड़े रक्त को देख कर वह बेहोश सी हो कर हेनरी की बांहों में झूल गई।
राजमहल में ले जाकर हेनरी ने देश-विदेश के डाक्टरों की भीड़ लगा दी। पर कोई भी सेनोरिटा को होश में न ला सका।
हेनरी परेशान!
दूर देश की राजकुमारी सेनोरिटा मेहमान बन कर आई थी। दोनों की शादी होने वाली थी। उसे कुछ हो गया तो क्या उत्तर देगा उसके अभिभावकों को? उसके सिरहाने बैठ कर सोच ही रहा था कि अंगड़ाई लेती हुई सेनोरिटा उठी। बहुत घबराई हुई थी।
"मुझे मेरे घर भेज दो। मैं एक पल भी नहीं रह सकती यहाँ। तुम्हारे साम्राज्य की नींव लाखों सैनिकों के खून से सनी है।"
हेनरी कुछ समझ पाता कि सेनोरिटा ने कहा, "मैंने अपनी आंतरिक शक्तियों से गहरी नींद में पिछले जन्म में जाकर सब कुछ देख लिया। मैं ऐसे रक्तरंजित साम्राज्य की महारानी नहीं बन सकती।"
थोड़ा रुक कर संयत हो कर सेनोरिटा ने कहा, "मैं अपनी प्रजा के दिलों की साम्राज्ञी बनना चाहती हूँ अपने ही देश में।"
और सेनोरिटा कभी वापस न आने के लिये अपने देश वापस चली गई।