Kumar Gourav

Classics

0.8  

Kumar Gourav

Classics

सौतन

सौतन

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पहले बच्चे के समय ही जरीना ने बच्चा और बच्चा जनने की काबिलियत दोनों खो दी थी । हसन साहब यूं तो हमेशा खुश दिखने की कोशिश करते थे पर जरीना से नजरें मिलते ही दोनों उदास हो जाते ।

कल दोपहर से गायब हसन साहब की आज खबर मिली उन्होंने दूसरा निकाह कर लिया । खबर के चंद घंटों बाद हसन साहब दुल्हन लेकर भी आ गए ।

सामने पड़ते ही एक बेहया मुस्कान के साथ बोले "गुरबत की मारी है बेचारी, बाप बेच देता इसको तो हमने सोचा इसको अपनाना भी शबाब होगा" और फिर धीरे से बाहरी बैठक की तरफ खिसक लिए ।

शाम होते ही जमीला बुआ के हाथों हुक्म मिला, "पहली रात है दुल्हन का कमरा तैयार कर दो ।"
जरीना सकपकाई "मममम मैं ।"
बुआ हंस पडी "और कौन है घर में ।"
जरीना थोड़ी खीज और सकपकाहट के साथ अंदर गई तो देखा एक दस बारह साल की लड़की दुल्हन के लिबास में सिकुडी बैठी थी ।

उसे देखकर लड़की खड़ी हो गई तो उसने पूछा, "कुछ चाहिए ?"
लड़की ने हाथ के ईशारे से बताया भूख लगी है।
"चलो उधर ही गुसल भी कर लेना और खा भी लेना " कहते हुए जरीना रास्ता बताने को आगे बढ़ी तो लड़की ने उसकी ऊंगली थाम ली । जरीना का दिल धकक् से रह गया । हाय कितनी कोमल ऊंगली है कही दब न जाए सोचकर उसने ऊंगली छुडाकर उसका हाथ थाम लिया ।

खा पीकर जब कमरे में लौटे तबतक जरीना ने अपने दिल पर वापस काबू पा लिया था । हसन साहब की बैठक खत्म होने में अभी वक्त था । पलंग पर बैठते ही लड़की ने नींद आने की शिकायत की तो जरीना ने सपाट लहजे में कहा "सो जाओ ।"

लड़की उसकी गोद में सर रखते हुए बोली "आपको कोई कहानी आती है जो सोने से पहले सुनाते हैं ।"
अपने आप से लड़ती जरीना मानों चीख पड़ी "क्यूं तेरी अम्मी ने नहीं सुनाई कहानियां ।"
उसके जबाब ने दिल चीर दिया "नहीं अम्मी तो पैदा होते ही छोड़ गई थी, रुखसती के वक्त अब्बू ने कहाथा जा वहाँ तुझे सबकुछ मिलेगा जिसके तुने ख्वाब देखे हैं ।"

जरीना के सीने में दूध उमड़ पड़ा । वो कहानी सुनाने लगी और जाने कब उसका हाथ लड़की के सर पर थपकियां देने लगा ।

कुछ हलचल हुई तो देखा दरवाजे पर खड़े हसन साहब दोनों को घूर रहे थे । वो उसका सर बिस्तर पर रखकर खड़ी हो गई । हसन साहब ने बारी बारी दोनों के चेहरे पर छाये सूूकून को देखा और हाथ का गजरा जरीना के बालों में लगाते हुए मुस्कुराये "हमें तो सुगंध चाहिए वो फूलों को मसलने के बदले अगर फूलों के खिलने से मिल जाए तो खुदा नज्ल करे मसलने वालों पर ।"

हसन साहब मसनद लेकर बैठक की तरफ बढ़ चले वहीं जरीना दुपट्टा लेकर लड़की को हवा करने लगी ।


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