सामाजिक सरोकार ..
सामाजिक सरोकार ..
बात छोटी भी है ध्यान दिया जाए तो बड़ी भी है। मैंने ऐच्छिक सेवा निवृत्ति ग्रहण की है। प्रदत्त मोबाइल सिम विभागीय समूह से हटाया जाना नियम है। जबकि मेरे द्वारा प्रयोग किया जा रहा नंबर, मेरे परिचितों के कांटेक्ट लिस्ट में होने से मुझे इसे जारी रखना था।
इस संबंध में BSNL कार्यालय में औपचरिकतायें एवं डिपॉज़िट करके प्रीपेड सिम लेनी थी। कोरोना के समय में, मैं बहुत जरूरी होने पर ही घर से बाहर निकल रहा हूँ ताकि मैं, अनावश्यक भीड़ न बनूँ।
कल जब कुछ जरूरी काम इकट्ठे हुए तो मैं, घर से निकला था। BSNL कार्यालय जाते हुए लगभग चार बजे का समय हो गया।
वैरिफिकेशन, डाक्यूमेंट्स पूर्ति, पहले के आउटस्टैंडिंग जाँच के लिए अलग अलग 4 स्टाफ, इनवॉल्वड था। सभी ने एक वरिष्ठ व्यक्ति का आदर देते हुए, मेरा काम तत्परता से किया। तब भी सिम. डिपॉज़िट काउंटर पर आते 4.35 का समय हो गया। कतार में तीन व्यक्ति आगे थे। 4.40 पर काउंटर के स्टाफ ने समय खत्म हुआ है आज काम नहीं हो सकेगा असर्मथता दिखाई तो ह
म तीनों कतार से हट गए। तब उन्होंने मुझे रोकते हुए कहा आप रुकिए, आपका काम जल्दी हो सकने वाला है। कहते हुए उन्होंने, आवश्यक प्रविष्टियाँ की-इन की और डिपॉज़िट लेते हुए, मुझे सिम प्रदान की।
मैंने अनुग्रह से धन्यवाद कहते हुए, उन्हें बताया कि आजकल मैं, घर से बहुत जरूरी होने पर ही निकल रहा हूँ। उन्होंने कहा- जी, इसे मैं समझ रहा हूँ। मेरे पास टाइम कंस्ट्रेंट है। मुझे डिपॉज़िट, बैंक में जमा करना है। इसलिए निर्धारित समय तक ही काम कर सकता हूँ।
मेरा यह लिखने का आशय यह है कि वरिष्ठ नागरिकों पर, कोरोना खतरा ज्यादा देखते हुए BSNL के स्टाफ द्वारा जो अतिरिक्त सहयोग दिया जा रहा है, वह अपनी सेवाओं के साथ ही, उनके सामाजिक सरोकार का निभाया जाना प्रदर्शित करता है।
ऐसे ही, हम अपने हितों का ध्यान रखते हुए यदि, अपने व्यवसाय/सेवाओं में सामाजिक सरोकार सम्मिलित करें तो, हमारा समाज उत्कृष्ट समाज बनता है, जिसमें कोरोना तरह के खतरों से भी सफलता पूर्वक निबटा जा सकता है।