साल2019 - 2020
साल2019 - 2020
"अरे भाई 2019 उदास क्यूँ खड़े हो। सब लोग मेरे आने की खुशी मना रहे हैं और तुम्हें पूछ नहीं रहे इसीलिए।
भाई यह तो दुनिया का दस्तूर है" साल2020 ने चहकते हुए कहा " । मुझे इस बात का मलाल नही की तुम्हारे आने की खुशी मना रहे हैं, दुख तो इस बात का है की गुज़रे साल में कितना कुछ मिला उसका कोई ज़िक्र नहीं। कितने नये दोस्त मिले, कितने ही अनगिनत पल खुशियों के बिताये, कितनी ही उपलब्धियाँ मिली,
बड़ों का आशीर्वाद, छोटों से सत्कार, त्याहारों के रंग देखे,नई जगह देखी और भी बहुत कुछ। पर उसका न धन्यवाद न क़द्र न ज़िक्र। बस हमेशा और अच्छे की चाहत ,पर जो मिला उस पर कोई खुशी नही।" 2019 ने कहा। ये इंसान इतना असंतुष्ट क्यूँ है बस यही सोचता रहा।