रूहानी प्यार
रूहानी प्यार
"ऑटो ! वो चिल्लाती हुई भागी। बस स्टॉप पर खड़ा नवीन उधर देखने लगा। गुलाबी सूट में दुपट्टा और किताबें सम्भाले रश्मि ऑटो के पीछे भागी पर वो रुका नहीं। परेशान देख उसने एक ऑटो रुकवाया, और रश्मि थैंक्स करके जल्दी से चली गई। अगले दिन उसने देखा आज फिर वो स्टॉप पे खड़ी थी, वो जाने क्यूँ उछल पड़ा, जैसे कल से ही नज़रे उसे ही खोज रही थी, हिम्मत करके बात शुरू की तो पता चला की वो यहीं से कॉलेज के लिए बस पकड़ती है कल पहला दिन था तो लेट हो गई थी, तो ऑटो लेनी पड़ी। फिर धीरे धीरे बातों का सिलसिला चल पड़ा, वो रोज मिलते थे, नवीन की नई नई जॉब लगी थी, और रश्मि का फर्स्ट ईयर कॉलेज का।
एक दिन रश्मि गुमसुम सी मिल वो चाहती थी नवीन घरवालों से बात कर लेते। नवीन बोला इतना आसान नहीं यार नई जॉब है कोई स्थिरता नहीं क्या मुंह लेके जाऊँ, माँ बाप बेटी के लिए कितने सपने देखते हैं।
कुछ दिन और सपने बुनते निकल गए और फिर वही बात निकली, नवीन गुस्से में बोला ऐसा है तो तुम ही हिम्मत करके बात करो वो मान जाए तो बोलो। मैं दो दिन के लिए बैंगलोर जा रहा हूं उम्मीद है प्रमोशन हो जाए। रश्मि ने खुद ही बात करने की ठान ली।
नवीन बैंगलोर गया तो उसकी उम्मीद के मुताबिक उसका प्रमोशन पक्का हो गया। पर दो दिन से रश्मि का कॉल नहीं आया और ना ही उसने कोशिश की थी। वापस आया तो फोन लगा नहीं पर सुबह बस स्टॉप पर चहकती हुई मिली, अब दूर मत जाना। अरे बिलकुल नहीं प्रमोशन हो रहा है चलो घर आऊंगा। उसने मना किया, कोई ज़रूरत नहीं अभी नहीं, यूँ मिलने का मज़ा अलग है, सही समय पर मैं बताऊंगी। एक दिन नवीन ने बोला घर पर बात करने आऊंगा। उसने फिर मना किया। एक दिन वो सरप्राइज देने मम्मी को लेके घर पहुंच गया। दरवाजे पर उसके पापा थे पूछा आप लोग कौन? नवीन की माँ ने सारी बात बताई बच्चे साथ रहना चाहते हैं और नवीन भी सेटल है, आप अगर मान जाते तो..। रश्मि की माँ रोते हुए चली गई और पापा ने कहा अच्छा तो तुम हो वो लड़के, माफ करना बेटा मैं तुम लोगों के प्यार को समझ ना पाया और गुस्से में क्या कुछ नहीं कह दिया और अपनी बेटी खो दी। खो दी मतलब? नवीन कुछ समझ नहीं पाया। हाँ तीन महीने हुए जब हमने उसे गुस्से मे कॉलेज जाने से भी मना कर दिया तो उसने आत्महत्या कर ली। नवीन को सदमा लगा, झूठ बोल रहे हैं सब कल ही मिली थी, फिर तस्वीर पर हार देख कर वो दौड़ के बस स्टॉप की ओर भागा। रश्मि वहीं खड़ी थी, बोली मना किया था मत जाना, तुमने सब खत्म कर दिया।
वो फुट फुट कर रोया, तुम्हें मुझ पर भरोसा नहीं था, मैं सब ठीक कर देता। नवीन मेरी रूह ने तुमसे मोहब्बत की है और कोई शरीर मुझे तुमसे दूर नहीं कर सकता था। मैं तुम्हारा रोज यहीं इंतजार करूँगी तुम आओ या ना आओ।