रिंपी भाग गई
रिंपी भाग गई
अब शादी-ब्याह पुरानी बातें हो गई हैं। पहले तो गुड्डे-गुड़ियों का ब्याह होता था। शिवरात्रि में शिव जी की बारात निकली, तो हम सब बाराती बन जाते थे। बड़ी दीदी की शादी में बारात में हाथी-घोड़े, बैंड-बाजे के अतिरिक्त स्कूल जाने वाले सैकड़ों बच्चे भोजन के समय एकत्रित होते, कोई पाँच-हजार लोगों ने विशेष व्यंजनों का आनंद उठाया होगा। वर-पक्ष के आग्रह पर 'मरजाद' की व्यवस्था हुई, यानि एक और दिन बारात रुकेगी। 'मरजाद' की अपनी मर्यादा होती है। तब महिलाएँ बारात में नहीं आती थीं। आती भी कैसे ? आती तो नचाई जातीं। बारात का एक अन्य आकर्षण थी-बाई जी। चोलिया, कमरिया, लूटने, साढ़े तीन बजे, जवानी इत्यादि वाले फूहड़ और अश्लील गाने की भरमार थी। लोग रात-रात भर जाग कर जवानी के मजे वाले मुजरे का आनंद लेते थे। पिछले कुछ वर्षों से शादी ब्याह के रीति रिवाज में काफी बदलाव आया है। अब सात फेरों और रस्मों का स्थान लीव इन रीलैशन-लेवल1 और 2 ने ले लिया है। हमारी कथा नायिका रिंपी एक आईटी कंपनी में काम करती है। नाक-नक्श से सुंदर दिखती है। काफी दवाब और नौ नखड़े के बाद उसने एक लड़का पसंद किया, लेकिन शर्त यह थी कि पहले वह लड़के से बात करेगी और फिर बात आगे बढ़ेगी।
रिंपी और मिस्टर योगी में क्या बात हुई, कह नहीं सकता, लेकिन दोनों ने सगाई के लिए हामी भर दी। दोनों पक्ष के अभिभावक इस खबर से बहुत प्रसन्न थे। लेकिन दोनों पक्षों ने सगाई के अवसर पर अपने किसी सगे संबंधियों को नहीं बुलाया। दोनों पक्षों से माता-पिता और भाई-बहन ही आमंत्रित थे। सामान्य रस्म अदायगी के बाद दोनों के अभिभावक अपने-अपने घर चले गए। अब दोनों ने विवाह पूर्व साथ-साथ रहना शुरू कर दिया। विवाह की तारीखें मार्च में नियत की गई। इस बीच लड़की और लड़के वाले पक्ष से दिल्ली जाकर खरीदारी की गई। इसी बीच लड़की को कोरोना हुआ और उसे अलग रहना पड़ा, शायद उसके पुराने मित्र के साथ। कुछ दिनों के बाद पारिवारिक दवाब के कारण साथ रहने लगे, लेकिन शादी की तारीख में बदलाव की चर्चा शुरू कर दी। शादी के लिए वाराणसी का चयन किया गया था। ईवेंट मैंनेजमेंटी वालों के साथ एक करार भी हुआ था। लड़के वाले वाराणसी पहुँच भी गए, लेकिन दूल्हा-दुल्हन गायब। बाद में शादी नवंबर में हो, ऐसा तय हुआ। लेकिन नवंबर के पहले ही लड़के ने फोन कर बताया कि रिंपी चली गई। हाँ, रिंपी ने एक लंबा-चौड़ा पत्र भी लिख छोड़ा था। रिंपी ने भविष्य में लड़के को फोन न करने की सलाह भी दी थी। लड़का रिंपी के दोस्त को सारे फसाद की जड़ बता रहा था, वहीं रिंपी ने लड़के और लड़के की बहन पर प्रताड़ना का आरोप भी लगाया है। अभिभावकों ने आपस में बात कर ली। अपना- अपना नुकसान भी सहा। रिंपी शायद अपने पुराने दोस्त के पास वापस लौट गई है और योगी नए और रिंपी की तलाश में।