राजा और उसकी सौ पत्नियां
राजा और उसकी सौ पत्नियां


एक हीरापुर में एक राजा रहता था वह राजा सबसे धनवान राजा था देवनाथ राजा का नाम था उसकी सौ धर्मपत्नियां थी उस राजा की सौ पत्नियां यह कहती थी।
देवनाथ राजा जी हम सबको समय नहीं देते राजा तो उलझ कर रह गया कि किस - किस को प्रसन्न किया जाए एक दिन राजा अचानक से गुम हो जाता जब रानियो को खबर पड़ी तो कई रानियों को चिंता हुई कई रानियो को नहीं राजा के पास सत्ता थी और पैसा भी था तो रानियों को संतुष्ट कोई और भी कर सकता था.
कुछ रानियों ने अपने दरबारियों से शादी कर ली और कुछ ने दूसरे राजाओं से कर ली कुछ दिनों बाद राजा की खबर मिलती राजा की चार पत्नियां जो राजा के इंतजार में विवश थी राजा के हाथ से कुर्सी भी चली गई राजा चल दिए गांव की तरफ राजा काफी प्रसिद्ध थे लोगो के बीच तो राजा को कुछ लोगो ने सहारा दे दिया जहां वह अपनी चार पत्नियों के साथ रहने लगे और गाँव की सहायता से राजा को कृषि के लिए जमीन और रहने के लिए घर मिल गया और धीरे धीरे राजा फिर से अमीर होने लगा फिर से वह राज गद्दी पर बैठ गए.
शिक्षा - इंतजार करने से अच्छा फल जरूर मिलता है