राज मौत का
राज मौत का
कॉलोनी में बहुत हिम्मती-चाची रहतीं, जिन्हें साध चाची के नाम से पुकारते थे। वे अस्पताल में नर्स थी, मुस्कराते हुए हर कार्य करने में माहिर। मुझे हमेशा परीक्षा में अव्वल आने हेतु प्रोत्साहित करती, कहतीं बेटी अच्छे स्वास्थ्य के लिए एक सेब रोज़ सुबह खाना चाहिए, जिससे हीमोग्लोबिन बढ़ता है।
याद है मुझे उनके पेट पर गरम चाय ग़लती से छलक गई, ज़ख्म भी स्वयं ही ठीक किया। अचानक से होली के दिन ब्लाॅक में ज़ोर से आवाज़ आई, मैं गई देखने, उनको पूरा जला पाया, उनकी मौत का राज हम कभी नहीं जान पाये।