"राहत इफरत"
"राहत इफरत"
आज बारिश की आफत इस तरह से बरस रही है के जैसे इंसानों से प्रकृति पूरी तरह से नाराज़ हो क्योंकि इंसान ने पहाड़ों को, काटकर विकास के नाम पर सड़कें ,और बड़े-बड़े होटल ,बिल्डिंग बनाकर ।
ऐसा लग रहा था प्रकृति का गुस्सा सब कुछ तहस-नहस करने पर आमादा हो ,श्रीनगर में तरफ बाढ़ का ख़ोफनाक मंज़र था ।हॉस्पिटल, दफ्तर, घरों में बाढ़ का कहर था लोगों को सुरक्षित स्थानों पर मिलिट्री निकाल रही थी ।
"श्रीनगर में बशीरुद्दीन अपने घर में बाढ़ में फंसे थे,इधर उनकी पत्नी इफरत जहाँ को डिलीवरी के पेन शुरू होना अब मुसीबत ये के हॉस्पिटल में बाढ़ का पानी भरा है , हर तरफ अफरा-तफरी मची ,फोन लाईन काम नहीं कर रही थी, मोबाईल नेटवर्क नहीं था,हैल्प मिलना बड़ा मुश्किल था ।
इतने में रब का बड़ा करम हुआ के मिलिट्री वाले नाव से राहत काम कर रहे थे, बशीरुद्दीन ने अपनी वाईफ की तकलीफ बताई मिलिट्री वालों ने आनन-फानन में "इफरत जहाँ को वहाँ से मिलिट्री हॉस्पिटल शिफ्ट किया गया ,वहाँ की डॉक्टर ने इफरत जहाँ की डिलीवरी करवाई,प्यारी सी बेटी हुई ..।
बशीरुद्दीन और इफरत जहाँ बहुत ख़ुश हुए ,मिलिट्री वालों को बहुत धन्यवाद दिया ..।
बशीरुद्दीन और इफरत जहाँ ने अपनी प्यारी सी बेटी का नाम रखा "राहत इफरत"रखा । हॉस्पिटल की हालतें ऐसी थी के बेड पर गद्दे नहीं थे,सारी तरफ काग़ज फैले पड़े थे ,और हर रूम में बाढ का पानी भरा हुआ था...ऐसे में मिलिट्री वाले "इफरत जहाँ के लिए फरिश्ते बनकर आए
हमें मिलिट्री वालों ने बाढ़ में राहतकार्य "करके सबकी जान-माल की हिफाज़त की मिलिट्री को सैल्यूट.." जय हिन्द"