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Anita Sharma

Tragedy

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Anita Sharma

Tragedy

प्यार के साइडफेक्ट

प्यार के साइडफेक्ट

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आज रमा जी अपने प्यारे से घर में एक कोने में बैठी उस घर के दोनों चिरागो को आपस में लड़ते देख रही थी।अपने पिता की मृत्यु के बाद से ही दोनों घर का बंटवारा चाहते है। पर माँ को कोई एक कोना भी नहीं देना चाहता है।बड़े बेटे का कहना है कि माँ अपना हिस्सा छोटे भाई को दे देगी। क्युकी वो उनका सगा बेटा है। और मै उन का सौतेला बेटा।,,

और छोटे बेटे का कहना है कि माँ मुझ से ज्यादा बड़े भाई को प्यार करती है। इसलिये वो उन्हें अपना हिस्सा दे देगी।

माँ का हिस्सा दोनों चाहते थे। पर माँ को अपने साथ कोई नहीं रखना चाहता ।

इस सब के लिये रमा अपने आप को ही जिम्मेदार मानती है। आखिर ये उसकी लवमैरिज की वजह से ही तो हुआ है। जिसकी वजह से बच्चों ने कभी माँ बाप की इज्जत ही नहीं की।

रमा आज से पचास साल पहले के समय को याद करने लगी..........

रवि प्रकाश रमा की बड़ी बहन के जेठ थे। जिनकी बीबी अपने दो साल के बेटे को छोड़ स्वर्ग सिधार गई थी।

रमा अपनी बड़ी बहन के यहाँ अक्सर आती जाती थी। क्युकी रमा की बहन को भी एक छोटा बेटा था। तो उन्हें दोनों को संभालने में परेशानी होती थी।

रवि प्रकाश का बेटा रमा से खूब घुलमिल गया था। बेटे के चक्कर में अक्सर दोनों में बाते होती रहती थी। धीरे - धीरे वो बातें कब प्यार की बातों में बदल गई उन्हें पता भी न चला।

अब तो दोनों का मिलना जुलना भी खूब होने लगा था। जब ये बात रमा की दीदी को पता चली तो उन्होंने समझाया था कि .........

"बाबूजी तुम्हारी शादी यहाँ नहीं करेंगे। क्युकी तुम हम से छोटी हो। और जेठ जी कितने बड़े है। इसलिये तुम ये सब भूल जाओ। और बाबूजी को अगर भनक भी लगी तो वो तुम्हे जाँन से मार देंगे।,,

उसी दिन दीदी ने रमा को वापिस भेज दिया। पर प्यार की खुशबू तो हवा से भी ज्यादा तेजी से फैलती हैं । तो उस के घर पहुँचने से पहले ही उसकी प्यार की खबर आ गई। उस समय तो लड़की के मुँह से प्यार शब्द निकलना ही गलत होता था । रमा ने तो प्यार कर लिया था।


रमा के बाबूजी ने रमा पर हजार पबंदिया लगा दी। और रवि प्रकाश का गाँव में तक आना वर्जित कर दिया।पर दिल की लगी तो बहुत जालिम होती है। एक बार अगर दिल कहीं लग गया तो ये सही गलत के मायने भी भूल जाता है। और कैसे भी मिलने का तरीका ढूढ़ ही लेता है।

उस दिन रमा के भाई की शादी थी। घर और गाँव के सभी मर्द बारात में गये थे। घर की सारी औरते हंसी ठिठोली कर थकान के मारे गहरी नींद के अगोस् में थी।


उसी रात रवि प्रकाश ने चुपके से आकर आंगन में लगे मंडप में रमा संग शादी कर ली।

जब सुबह ये बात रमा के बाबूजी के साथ सभी को पता चली तो उसी समय रमा की बड़ी बहन और उससे सभी ने सारे रिश्ते खत्म कर लिये।

उसके साथ उसकी बड़ी बहन का भी मयका छूट गया। इसलिये बड़ी बहन ने भी उससे रिश्ता तोड़ लिया।


रवि प्रकाश और रमा सब कुछ खो कर भी एक दूसरे को पाकर अपनी छोटी सी दुनिया में खुश थे। उन्हें लग रहा था जैसे उन्होंने दुनिया जीत ली।अब रमा ने भी एक बेटा और बेटी को जन्म दिया। रमा अपने तीनों बच्चों को खूब प्यार करती।


समय बीतने के साथ बड़ी बहन ने तो उसे माफ कर दिया पर उसके बाद वो दोनों कभी अपने मायके न जा पाई।


अब बच्चे भी बड़े हो रहे थे। धीरे धीरे उन्हें ये भी पता चल गया की हम लोगों ने लव मैरिज की है। और मै बड़े बेटे की सौतेली माँ हूँ।

बच्चे पढ़ लिख कर शादी लायक हो गये थे। पर हमारे रिश्ते की वजह से बड़े बेटे के लिये कोई रिश्ता ही नहीं आ रहा था।

इसी बात को लेकर बड़े बेटे को सभी ने भड़का दिया। कि वो तुम्हारी सौतेली माँ है। इसलिये तुम्हारी शादी नहीं होने देना चाहती।

जब बड़ी मुश्किल से उसकी शादी हुई। तो वो दूसरे दिन ही अपनी बीबी को लेकर अलग हो गया।

उधर रमा के दूसरे बेटे ने भी एक अंतर्जातीय लड़की को पसन्द कर उससे शादी कर ली।

जब रमा के पति ने उसे बिना बताये शादी करने को लेकर डांटा तो उसने दो टूक जबाब दिया।


"क्यो आपने क्या सब को बता के शादी की थी।,,इसके बाद एक बाप कुछ भी नहीं बोल पाया।


भाई के नक्शे कदम पर चलते हुये बहन भी गली के एक अवारा लड़के संग प्यार के चक्कर में पड़ गई।जब अपनी बेटी को रमा ने समझाने की कोशिश की तो उसने भी अपनी माँ को ही सुना दिया......

" अच्छा मम्मी आप करो तो सही। और जब मैने किया तो गलत।,,

रमा ने उसे बहुत समझाने की कोशिश की कि वो लड़का उसके लिये ठीक नहीं है। पर वो नहीं मानी और एक दिन घर छोड़ कर भाग गई।

सभी उसे ढूढ़ ही रहे थे कि शहर से बाहर उसकी लाश मिली। उन लड़को ने उसका रेप कर उसे मार डाला था।


ये बात रवि प्रकाश सहन नहीं कर पाये। और उन्हें हार्ट अटैक आ गया। और वो रमा से किये जनमो जनम तक साथ निभाने के वादे अधूरे छोड़ इस दुनिया से चले गये।

अब रमा जो कभी ये महसूस करती थी कि उसने अपने प्यार को पाकर दुनिया जीत ली। आज अपने बच्चों के बीच हारे जुआरी की तरह बैठी हैं।


सखियों जब कोई ऐसे गलत तरीके से लव मैरिज करता है। भले ही उनका प्यार सच्चा हो। पर आगे चल कर क्या वो अपने बच्चों को उस गलती के लिये रोक सकते है।मै ये नहीं कहती की हर प्यार करने वालों का अंजाम बुरा होता। कुछ लोग तो लव मैरिज कर के अपना सच्चा प्यार भी पा लेते है। और उनका परिवार भी उन्हें अपना लेता है। और बच्चे भी उन पर प्राउड फील करते हैं।



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