Vaishno Khatri

Tragedy

0.8  

Vaishno Khatri

Tragedy

प्यार के रूप

प्यार के रूप

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चमकी देख तेरे लिए मैं क्या क्या लाया हूँ। जबसे तुम मायके आई हो मेरा मन एक दिन भी नहीं लगा। तुझे कितनी बार समझाया मुझे छोड़ कर मत जाया करो। आज कुछ ज्यादा ही प्यार उमड़ रहा था। चमकी चिंता में पड़ गई वह न जाने प्यार का कितनी प्रकार से इज़हार कर रहा था पर चमकी तो पिछली बातों की यादों में गोते लगा रही थी। जवानी की दहलीज़ पर पाँव रखते ही और नवयौवनाओं की तरह न जाने कौन कौन से सपने ख्यालों में आने लगे थे। राजमहल और प्यारा सा राजकुमार होगा। जीवन सपनों की तरह होगा। सुख ही सुख होगा। ऐसे ही एक दिन यह सब सच्चा साबित होने वाला था। हुआ भी पर सपनों जैसा कुछ नहीं सब हक़ीक़त में था।

ससुराल आई और सब रस्में हुईं। नाते-रिश्तेदार चले गए। अब शुरू हुई उनकी वास्तविक ज़िन्दगी। धीरे धीरे न जाने कब सुरेश के विश्वास ने अविश्वास का रूप अख़्तियार कर लिया था वह बात-बात पर शक करने लगा। अंतरंग साथी का दुर्व्यवहार हर रोज़ पीकर आता और उसे पीटता कभी कभी चिमटा गरम करके जला भी देता तब जाकर उसे चैन मिलता। एक दिन सुरेश ने उसे बहुत मारा और घर से निकाल दिया। शारीरिक, भावनात्मक, मौखिक, आर्थिक और अन्य शोषण ने उसकी मानसिक स्थिति को डावाँडोल कर दिया था। उसका रिश्ते से विश्वास उठ चुका था। ऐसी स्थिति में लोग आत्महत्या भी कर लेते हैं। पर उसने हिम्मत से काम लिया और वह मायके आ गई वहाँ की स्थिति अच्छी न थी। फिर भी मायका तो मायका होता है। सब चिंतित और दुखी थे। दिन गुजरने लगे। एक दिन अचानक सुरेश को देखकर सोच में पड़ गई। घर के सब लोग खेत गए थे। उसकी चिकनी-चुपड़ी प्यार की बातें सुन चमकी को शक और डर भी लगा। वह सतर्क थी। 


सुरेश उसे कुछ दिखाने के बहाने गौशाला ले गया। वहाँ उसने आनन-फानन में चमकी पर कुप्पी से मिट्टी का तेल डाल कर आग लगा दी और बाहर भागने लगा। उसी समय उसकी समझ के विपरीत चमकी ने उसे पकड़ लिया वह कहने लगी तुमने फ़रेब किया पर मेरा प्यार तो सच्चा था मैं तुम्हें नहीं छोड़ सकती दोनों इस राह पर भी इकट्ठे चलेंगे। तब वह चीखने लगा और छुड़ाने की कोशिश करने लगा। चमकी बोली प्यार है तो साथ ही मरना भी पड़ेगा, मैं मरूँगी तो तुझे थोड़े ही छोड़ जाऊँगी। लोग इकट्ठे हुए तब तक वे बहुत ज्यादा जल चुके थे। अस्पताल ले गए तड़प तड़प कर चमकी मर गई और वह तड़पने के लिए छूट गया। आए दिन उसकी याद में ऊपर वाले से गुहार लगाता हुआ कई बार सुनाई पड़ता है।



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