Sanjay Kumar

Inspirational

3  

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पुरस्कार

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एक दिन एक अजय अपनी कार से शहर से बाहर जा रहा हैं चौराहे पर लाल बत्ती जली हुई है उसने अपनी कार को रोक दिया है तभी एक 10 साल का छोटा लड़का जाकर उसकी कार को साफ करने लगता है यह देखकर अजय को बड़ी तेज गुस्सा आता है और कार का शीशा खोलकर गुस्से से कहता है" मैंने तुझे साफ करने की नहीं कही है फिर क्यों साफ कर रहा है चल भाग यहां से" उसकी बात सुनकर छोटे लड़के की आंखों में आंसू आ जाते हैं छोटा लड़का कुछ नहीं कहता है अपना कपड़ा लेकर एक तरफ हो जाता है वह अजय अपनी कार लेकर आगे बढ़ जाता है आगे जाकर अजय को अपनी गलती का एहसास होता है और मन ही मन में सोचता हैं "यार मैंने यह गलत किया उसे बच्चों को डांट दिया वह बच्चा शीशा साफ करके मेरी मदद कर रहा था और यदि मैं ₹10 से देता तो मेरे पास से क्या चल जाता शायद इसी बहाने से दूसरे की मदद हो जाती अजय अचानक फिर अपनी कर को घुमाता है वापस उसी चौराहे पर आ जाता है कर को साइड में खड़ी करके उसे लड़की को देखने लगता है लड़का एक कोने में खड़ा हुआ हैं अजय कर का गेट खोलकर उसकी लड़के के पास जाता है लड़का सहम जाता है अजय अपनी जेब से ₹10 निकाल कर लड़के को देता हैं लड़का ₹10 लेने से इनकार कर देता है इस पर अजय मुस्कुरा के लड़के के सर पर हाथ रख कहता है" ले लो बेटा मैं अपनी गलती की माफी मांगता हूं क्योंकि मुझे किसी बात पर गुस्सा आ रहा था मैं सारा गुस्सा तुम पर उतार दिया"

लड़के के चेहरे पर मुस्कुराहट आ जाती हैं इस बात पर अजय भी मुस्कुरा जाता है यह कहता है "तुम यहां पर रोज आते हो या पढ़ने भी जाते हो" इस बात पर लड़का मुस्कुरा के कहता है "मैं स्कूल पढ़ने जाता हूं पर जब मेरी फीस भरनी होती है एक हफ्ते तक यहां जाता हूं लोगों के कार साफ करता हूं जो पैसे इकट्ठे होते हैं उसे अपनी फीस जमा कर देता हूं " यह सुनकर अजय को बड़ा अजीब लगता है "पूछता है कि तुम अपने पिताजी से फीस क्यों नहीं जमा कराते हो " इस बात का छोटा लड़का उदास होकर कहता है "मेरे पिताजी इस दुनिया में नहीं है मां चौका बर्तन का काम करती है उसे घर का खर्च चलता है हम चार बहन भाई हैं मां हमारे हमारे खाने का इंतजाम कर पाती हैं तो फीस कैसे जमा करेगी" यह सुनकर अजय की आंखों में आंसू आ जाते हैं" और ऊपर वाले को देखकर कहता है मैं तो सोच रहा था कि दुनिया में ही परेशान हूं पर इस दुनिया मुझसे ज्यादा और भी लोग परेशान है और मैं एक छोटे से संघर्ष से घबरा रहा हूं यह मात्र 10 साल का बच्चा इतना बड़ा संघर्ष कर रहा है अपनी पढ़ाई के लिए मुझे इससे सीख लेनी चाहिए" अजय लड़के के सर पर हाथ रख कहता है बेटा चिंता मत कर आज तूने मुझे बहुत बड़ी सीख दी है आगे तेरी फीस का हिसाब मैं करा करूंगा तो केवल स्कूल जाया करना" इस पर लड़का कहता है "नहीं भैया बहुत-बहुत धन्यवाद मैं अपनी फीस के लिए इसी तरह से इंतजाम करूंगा क्योंकि मैं भी एक स्वाभिमान की जिंदगी जीना चाहता हूं क्योंकि जो इंसान एहसान तले दब जाता हैं वह इंसान कमजोर हो जाता है और मैं कमजोर इंसान बनकर जीना नहीं चाहता हूं" यह कह तो लड़का दौड़ कर भाग जाता है और एक कार के शीशे को साफ करने लग जाता है अजय वहां खड़ा देखते रह जाता है अजय फिर अपनी कार की ओर चला जाता है एक नई सीख लेकर 


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