Sanjay Kumar

Children Stories

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Sanjay Kumar

Children Stories

केक

केक

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एक बस्ती के कुछ बच्चे पार्क में खेलने चले जाते हैं। खेलने लगते हैं खेलते खेलते उनकी नजर एक जगह पर पड़ती है ना बहुत सारे लोग खड़े हुए हैं। बच्चे आपस में बातचीत करते हैं और कहते हैं "चलो देखते हैं वहां पर क्या हो रहा है। "

सब अच्छे वहां पर पहुंच जाते हैं तो देखते हैं एक बच्चा खड़ा हुआ है एक बहुत बड़ा केक रखा हुआ है सब लोग खड़े होकर ताली बजा रहे हैं। बच्चा केक काट रहा है सब खुश होकर खुशी-खुशी चिल्ला रहे हैं.. हैप्पी बर्थडे टू यू हैप्पी बर्थडे टू यू!

फिर उसके को काटकर सबको बांट कर खा रहे हैं तभी सबकी ने नजर बच्चों पर पड़ती हैं वह लोग बच्चों को भी केक दे देते हैं बस्ती के बच्चे केक को लेकर आगे जा कर यह जगह बैठकर खाने लगते हैं बच्चों को केक बहुत अच्छा लगता है आपस में बातचीत करते हैं एक बच्चा कहता हैं "आज तो मजा आ गया हमको केक खाने मिल गया" तभी दूसरा बच्चा कहता है "आज तो हम लोगों की किस्मत अच्छी है" तभी तीसरा बच्चा कहता है "काश हमारे घर वाले भी हमारा जन्मदिन मनाते " छोटा बच्चा हंस कर कहता है "अरे तुझे अपने जन्मदिन की तारीख याद है क्या?" पचा तुरंत जवाब देता नहीं मुझे अपने जन्मदिन की तारीख याद नहीं है तभी पांचवा बच्चा कहता है "तो फिर जन्मदिन कैसे मनाएगा जिस बच्चे को अपने जन्मदिन की तारीख याद होती है उसका ही जन्मदिन मनाया जाता है " ऐसा कह कर सब बच्चे हंसने लगते हैं और उसे बच्चे का मजाक उड़ाने लगते हैं बच्चा गुस्से में वहां से भाग जाता है और रोता हुआ अपने घर पर पहुंच जाता है जहां पर उसके पिताजी मजदूरी कर कर घर पर आए हैं बच्चा अपने पिताजी का हाथ पकड़ कर कहता है "पापा मुझे बताओ मैं कब पैदा हुआ था और कौन सी तारीख थी" यह सुनकर उसे बच्चे का पिता कहता है" बेटा मुझे तारीख तो याद नहीं है पर सर्दियों की बात थी क्योंकि हम दोनों पढ़े-लिख तो है नहीं है जो तारीख याद रख ते पर सर्दियों बहुत तेज थी पर बेटा कलुआ आज तुझे यह क्या सूझी है जो अपने जन्मदिन की पूछ रहा है " बच्चा मुंह बनाते हो कहता है" पहली बात तो मेरे से आप कलुआ मत कहा करो सब कलुआ कहकर मुझको चढ़ाते हैं मेरा असली नाम मोहित है" यह सुनकर मोहित के पिताजी हंस कर बोलते हैं" अच्छा आज से तुमसे कलुआ नहीं कहूंगा तुम्हारा नाम मोहित है अब मोहित बताओ तुम जन्म की तारीख क्यूँ पूछ रहें हो " मोहित अपने पिता को पार्क की पूरी बात बता देता है यह सुनकर मोहित की मम्मी बाहर निकल आती हैं और अपने बेटे के सर पर हाथ रख कहती हैं "अरे मेरे बेटा तू क्यों चिंता करता है हम तेरा जन्मदिन मनाएंगे बड़ा सा केक मंगाएंगे " तभी मोहित मुंह बनाकर कहता है "पर मेरे जन्मदिन की तारीख तो आपको पता नहीं है" तभी मोहित की मां कहती है कोई बात नहीं है जब तुम्हारा जन्म हुआ था सर्दी पड़ रही थी पास की डॉक्टरनी के पास तुम्हारे पिताजी लेकर गए थे कल वहां जाकर हम पता करेंगे वह तुम्हारा जन्म की तारीख बता देंगी फिर इस तारीख का तुम्हारा जन्मदिन मनाएंगे आप चलो चुपचाप खाना खा लो" मोहित खुश हो जाता है दूसरे दिन उसके पिताजी हॉस्पिटल जाकर उसके जन्म तिथि के पता करवा लेते हैं और घर आकर अपने बेटे मोहित को बता देते हैं कुछ महीनो के बाद सर्दियों के समय पर उसका जन्मदिन आता है मोहित पास की बस्ती के सब बच्चों को बुलाकर लाता है मोहित के पिताजी एक बड़ा सा केक लाते हैं सब बच्चे मिलकर उसके को काटते हैं और मोहित अपना जन्मदिन मनाता है सब बच्चे केक खाते खाते चिल्ला के कहते हैं "हैप्पी बर्थडे टू यू,हैप्पी बर्थडे टू यू"


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