Sanjay Kumar

Children Stories

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Sanjay Kumar

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चूहा

चूहा

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एक सेठ के घर में बहुत सारे चूहे थे। उसके यहां पर अनाज और फलों की गोदाम थे। चूहा मजे से खाना खाते और खूब-उदम करते फिर अपने-अपने बिल में जाकर रहने लगते हैं। जिंदगी बड़े मजे से कट रही थी तभी गोदाम में एक ट्रैक आता है जिसमें से एक चूहा उतार के आता है उसे चूहे को देखकर बाकी सब चूहे पूछने लगते हैं "तुम कहां से आए हो "चूहा कहता है "कि मैं जंगल से आया हूं ट्रैक वहां पर खड़ा हुआ था मैं चुपके से इसमें बैठ गया " यह सुनकर सब छुए कहते हैं "ठीक है तुम जंगल से आए कोई बात नहीं तुम्हारा हमारे गोदाम में स्वागत है पर एक बात याद रखना यहां किसी प्रकार का कोई नुकसान मत करना अपना खाना और चुपचाप से बिल में रहना है" यह सुनकर चूहा कहता है "ठीक है मैं किसी प्रकार का कोई नुकसान नहीं करूंगा आराम से आप लोगों के साथ बिल में ही रहूंगा" दो-तीन दिन ठीक तरह से रहता है फिर उसके बाद में गोदाम में नुकसान करने लगता है कभी किसी बोरी को फाड़ने लगता है कभी कपड़ों को काटने लगता है यह देखकर सेठ अपनी नौकर से कहता है" अरे इस खुद में बहुत सारे चूहें हो गए हैं तो कहीं से बिल्ली का इंतजाम कर जब यह नुकसान होने से बच पाएगा" यह सुनकर नौकर कहता है ठीक है सेठ जी मैं बिल्ली का इंतजाम करता हूं पर इतने समय से चूहों ने किसी प्रकार का कोई नुकसान नहीं किया पर 2 दिन से जाने क्या हो गया है जो कपड़ो को भी काट रहे हैं और बोरियों को भी काट रहे हैं " नौकर की बात सुनकर सब चूहें जंगल से आए चूहे पर भड़काने लगते हैं " तुमसे मना किया था नुकसान मत करना अब तुम्हारा नुकसान करने से सेठ जी बिल्ली को बुला रहे हैं और बिल्ली आ जाएगी हम सबको खा जाएगी " यह सुनकर जंगल का चूहा कहता है "अब गलती तो मैं कर चुका हूं पर क्या किया जाए कि इससे बिल्ली से हमारी जान बच सके " यह सुनकर सब चूहे आपस में बातचीत करते हैं "ठीक है कुछ सोचने दो" उसके बाद सब चूहे अपने-अपने बिल में घुस गए और ऊपर वाले से प्रार्थना करने वालों की बिल्ली ना आ जाए तभी रात के समय गोदम में कुछ खटखट की आवाज आने लगती है जंगल से आया चूहा बाहर निकाल कर देखता है तो देखा है कुछ आदमी गोदाम में से गेहूं के बोरों को एक ट्रैक पर लाद कर ले जा रहे हैं जो शक्ल से बहुत बदमाश लग रहे हैं  जंगल का चूहा सब चूहों को बताता है कि कुछ बदमाश गोदाम में चोरी कर रहे हैं सब चूहें आ जाते हैं और चोरी करते बदमाशों को देखकर कहते हैं तभी एक जवान चूहा कहता है "अरे सेठ जी ने अलार्म लगाया हुआ है उसको दबा देते हैं और अलार्म बजेगा बजाने से सेठ जी जाग जाएंगे और सब बदमाश भाग जाएंगे " जंगल से आया चूहा कहता है "यह ठीक रहेगा बताओ अलार्म कहां हैं पर मैं जाकर बजाता हूं " दूसरा चूहा उसे अलार्म बता देता है जंगल से आया चूहा दौड़कर वहां पर जाता है अलार्म को बजा देता है अलार्म बजने से सेठ जी जाग जाते हैं और सेठ जी खटपट की आवाज सुनकर तुरंत नीचे आने लगते हैं और शोर मचाने लगते हैं शोर की आवाज सुनकर सब बदमाश भाग जाते हैं सेठ जब गोदाम में आ कर देखा है कि अलार्म को किसने बजाया तो देखा है तो एक चूहा वहां पर खड़ा हुआ है सेठ जी का नौकर भी आया था वह कहता कहता है "लगता हैं अलार्म इस चूहे ने बजाया है।"

यह सुनकर सेठ जी कहते हैं "इन चूहे की वजह से आज मेरा गोदाम लूटने से बच गया है अब इनके लिए बिल्ली लाने को जरूरत नहीं है इनके खाने का सामान अलग से डाल दिया करो ताकि यह किसी प्रकार का कोई नुकसान ना करें "

यह सुनकर सब चूहे बहुत खुश होते हैं दूसरे दिन से ट्रैक आ जाता है और जंगल का चूहा उसमें बैठकर सबसे गले मिलकर अपनी विदाई लेता है। 


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