Yogeshwari Arya

Tragedy

4  

Yogeshwari Arya

Tragedy

पुरानी सोच

पुरानी सोच

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अब और नहीं अब देखा नहीं जाता"रमन अरे ओ रमन......."


 "हां मां ! "


"यहां मेरे कमरे में आना तो ।"


 "हां! अभी आते है ।


रमन की सुन्नी आंखे सूखे होंठ देख मेरा दिल और बैठ गया

"बेटा यहां आ, यहां पलंग पे मेरे पास बैठ ।"


 "बोल मां क्या हुआ ?"


"बेटा मुझसे अब देखा नहीं जाता "

 न चाहते हुए भी आंखों से आंसू की एक बूंद गिर ही गई ।


"मुझसे तेरी ये हालत अब देखी नहीं जाती"


"मतलब मां " अब वो मां की ओर देखने लगा ।


"देख मै तेरी मां हू, सब जानती हू। तुझे भी और तेरे अंदर चल रहे तूफान को भी। ये कई रातों से जागी हुई आंखे, बेरंग चेहरा और ये तेरी उतरी हुई मुस्कान, इससे तू सारी दुनिया को बेवकूफ बना सकता है मुझे नहीं ।"


वो हंसने लगा "तू कहना क्या चाहती है मां ? "


"मै जो कहना चाहती हूं तू समझ रहा है!"


"अच्छा ठीक है मै समझ रहा हूं। अब ये बता तूने अपनी दिन वाली दवाई ली कि नहीं !"


"हाँ हाँ ले ली। अब बात मत घुमा "


उसने बीच में ही रोकते बोला "मां मै अभी आता हूं गैस पर दूध चढ़ा हुआ है ।"


वो उठने लगा मैंने उसका हाथ पकड़ लिया लेकिन वो पीछे नहीं मुरा शायद अपनी भरी आंखें  दिखाना नहीं चाहता, बहुत बड़ा जो हो गया है।


"मां छोड़ ना दूध गिर जाएगा उसकी आवाज अब भारी हो चुकी थी।"


"मुझे पता है तू उससे बहुत प्यार करता है । तो जाकर उसे बताता क्यों नहीं देता? तुझे डर लगता है तो मैं उससे बोल देती हू। बेटा देख तेरे अलावा मेरा इस दुनिया में कोई भी नहीं है तुझे यू सुना देख दिल रो पड़ता है। बेटा बात को दिल में दबा के मत रख बोल दे……"


"कुछ दिनों में उसकी शादी है। वो बहुत खुश है, हां दुख तो है लेकिन वो खुश है, मै अपनी बात रख के उसकी खुशी को कम नहीं करना चाहता।


"और तेरी खुशी उसका क्या???"


"हां दुख तो है कि वो कुछ दिनों में किसी और की सगनी हो जाएगी । लेकिन खुशी भी है क्योंकि वो खुश है, और शायाद मै भी उसे इतनी खुशी नहीं दे पाता जितनी वो आज खुश है।


"और तेरे प्यार का क्या?"


"प्यार…. " वो हंसता है " वो तो रहेगा ही। जैसा आज है वैसा कल भी रहेगा, और प्यार किसी का मोहताज नहीं है किसी के रहने न रहने से वो खत्म थोड़ी ना हो जाता है ।"


"आज मेरा छोटा रमन बड़ा हो गया।बहुत बड़ा हो गया इतनी बड़ी-बड़ी बातें कर रहा है। लेकिन जान ले तू मेरे लिए आज भी तू मेरा बच्चा ही है। अब छोड़ इधर मुड़ और गले लग जा, और जी भर के रो ले। आज मै तुझे रोकुगी नहीं की लड़के कभी रोते नहीं। ये बात पुरानी हो चुकी है अरे भाई लड़के भी इंसान होते है । और दिल हल्का करने में कोई बुराई नहीं है।"


आज मां का आंचल पूरी तरह भीग चुका था, पुरानी सोच भी आज बह चुकी थी। 



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