पसंद
पसंद
क्या आप किसी की पसंद हो ?
आज आपको पसंद के बारे में बताता हूं पसंद का मतलब क्या है ये आकर्षण और पसंद एक ही है सब कुछ होने के बाद भी किसी भी चीज की कमी लगे तो इसका मतलब आप अपनी पसंद खोजने में असफल रहे।
पैसा आपको रुतबा और पहचान देता है उसके जरिए आप किसी की भी पसंद बन जाते है. दुनिया में दो चीजें चलती है एक पसंद , एक नापसंद।
बगीचे में दो तरह के फूल थे एक खुशबू वाला एक बिना खुशबू वाला खुशबू वाले फूल के पास बहुत- सी लाइन लगी हुई थी बिना खुशबू वाले के पास कोई नहीं था।
शादी आपकी पसंद से हो जाए तो उसको आंनद कहते है और जो नापसंद से हो जाए वह ज़िन्दगी आप दबाव में निकाल रहे हो। किसी को आप जबरदस्ती पसंद नहीं बना सकते यह दबाव हो सकता है। जिसने सपनों को पंख दिए वह हर किसी की पसंद बना जो बैठ गया हर कोई उससे दूर हुआ।
वक्त बदलने में देर नहीं लगती लेकिन बिना बदले कुछ सम्भव नहीं। आपके आस पास का वातावरण आपको बदलता है। आप कहीं चल रहे हो चार रास्ते आ गए तो आप एक ही रास्ते पर जाएंगे।
मतलब पसंद एक रखो हजार नहीं।