प्रश्नचिन्ह
प्रश्नचिन्ह


मिस्टर एंड मिसेस खन्ना अपने घर आये मेहमानों की खातिरदारी कर रहे थे। उनके पास उनकी नातिन मिनी बैठी थी। बातों - बातों में उनकी महिला रिश्तेदार ने मिनी की तरफ इशारा करते हुए दबी आवाज में आखिर पूछ ही लिया "सुना है आपकी बिटिया दीपा ससुराल नहीं जा रही ।यहीं रहती है आपके साथ..." माहौल में सन्नाटा सा फैल गया तभी उनमे से एक सज्जन ने कहा बुरा मत मानिये समाज में, रिश्तेदारी में बात चल रही थी सो पूछ लिया।"
मिस्टर खन्ना ने बात संभालते हुए कहा"अरे भाई इसमें बुरा मानने वाली बात क्या है...हमने हमारी दीपा क
ो बड़े नाजों से पाला है ।उसे कैसे तकलीफ में देख सकते हैं भला .....ऐसा केस बनाया है जिंदगी भर कोर्ट के चक्कर लगाते रहेंगें उसके ससुराल वाले।दुनिया कुछ भी कहे अब हमारी लाडली दीपा हमारे साथ है।" मिनी दीपा की 7 वर्षीय बेटी जो यह सब सुन रही थी। उसने मिस्टर खन्ना के सामने खड़े होकर बड़ी मासूमियत से पूछा "नाना आप मां को तो अपने पास ले आये...लेकिन मैं भी तो अपने पापा की प्रिंसेस हूँ, आपने मुझे उनसे क्यों दूर कर दिया?"
मिस्टर खन्ना की आंखों के सामने एक ऐसा प्रश्नचिन्ह खड़ा था जिसने उन्हें जड़वत बना दिया।