प्रेम विवाह के फूल और कांटे
प्रेम विवाह के फूल और कांटे
प्रेम विवाह करना तो सरल है। मगर उसके बाद के जोसुख, दुख, अवहेलना मिलते हैं उनको अगर पहले से सोचा जाए तो वह बहुत बड़े नहीं लगते हैं। क्योंकि प्रेम में तो मीठे-मीठे ख्वाब ही नजर आते हैं। सारी दुनिया रंगीन नज़र आती है हकीकत की दुनिया कुछ अलग होती है।
थोड़ी देर के लिए मिलने वाले तो अपना सबसे अच्छा वाला वजूद ही सामने रखते हैं। असलियत तो जब साथ में रहते हैं तभी पता लगती है। प्रस्तुत कहानी मेरी इसी विचारधारा पर हकीकत को बयां करती हुई लिखी है।
सुमित ने सौम्या को वैलेंटाइन डे के दिन एक सुंदर सा लाल गुलाब भेंट दिया।
जैसे ही उसने वह हाथ में लिया उस गुलाब का कांटा उसके हाथ में चुभ गयाऔर उसके मुंह से चीख निकल गई, उसने कहा अरे तुमने मुझे गुलाब के साथ में कांटा भी दे दिया ।
तब सुमित बोला मैंने तुमको गुलाब के साथ कांटा इसलिए दिया है क्योंकि जिंदगी खाली गुलाब के जितने सुनहरी नहीं होती है।
जब हम वास्तविकता पर पांव रखते हैं तो हम को जगह जगह पर कांटो का सामना भी करना पड़ता है।
अब अपन शादी करने जा रहे हैं।्तो फूल और कांटे जिंदगी में दोनों ही मिलेंगे दोनों साथ में ही होंगे ,तो उनको दोनों को मिल बांट कर के प्यार से निभाना होगा।क्या तुम निभा पाओगी,कभी कांटे भी चुभ सकते हैं कभी फूल भी मिल सकते हैं।
सौम्या बोलती है आज यह तुम कैसी बातें कर रहे हो ।आज तक तो खाली मीठी-मीठी बातें ही करते थे।आज तो तुम साथ में कड़वापन भी बोल रहे हो, जैसे कि फूल के साथ में तुम मुझे कांटा चुभा रहे हो।
तब सुमित बोलता है वह प्यार भरा मौसम था।और यह जिंदगी की हकीकत है।थोड़ी देर मिलने के लिए तो हम प्यार से बातें ही करते हैं और एक दूसरे से हमेशा बन ठन कर अच्छी तरह ही मिलते हैं।
मगर जब हमेशा साथ रहना हो तब उसमें सब तरह की बातें होती हैं प्यार भी होता है, झगड़ा भी होता है, परेशानियां भी आती है।्तो मैं तुमको उन सब बातों से अवगत करा रहा हूं ।
ताकि तुम सच्चाई के धरातल पर चल कर मेरी जीवनसंगिनी बनो, ना कि सपनों की उड़ान पर चलकर तो बोलो सौम्या क्या बोलती हो?मैं तुमको बहुत प्यार करता हूं।क्या तुम मुझसे शादी करोगी सच्चाई के धरातल पर चलकर ?हर परिस्थिति में मेरा साथ देते हुए तुम मेरी जीवन संगिनी बनने को तैयार हों?
पहले तो सौम्या एकदम हक्की बक्की रह जाती है, यह क्या बोल रहा है ।फिर वह वापस उससे बात करती है। बोलती है तुम यह कैसी बातें कर रहे हो ।
तब सुमित बोलता है मैंने दोस्ती और प्यार करते हुए बहुत लोगों को देखा है। मगर जब मैं आस पास देखता हूं कि लव मैरिज कर के लड़का लड़की थोड़े दिन तो अच्छी तरह रहते हैं ।मगर फिर उनमें बात बात पर झगड़ा और परिवार पर झगड़े और यह सब होते रहते हैं।और जरा से कांटे चुभे नहीं जिंदगी के और बातें तलाक तक पहुंच जाती हैं।और जो कभी आपस में बहुत प्यार करते थे वह अलग हो जाते हैं।मैं नहीं चाहता कि मेरी जिंदगी में ऐसा हो ।इसीलिए मैं यह बात सत्य तुम्हारे सामने रख रहा हूं ।अब तुम बताओ तुम क्या चाहती हो?
सौम्या बोलती है, तुमने मेरी आंखें खोल दी।मैं खाली प्यार के सुनहरे भविष्य पर अपनी जिंदगी की नींव रखने जा रही थी।मगर तुमने वास्तविकता से परिचय करवा दिया मैं दोनों बातों के लिए तैयार हूं जैसा भी होगा जिस तरह से प्यारे फूल को मैंने स्वीकार करा है।
उसके साथ में अगर कांटे भी आए तो हम दोनों मिल बैठकर उनको हटा देंगे।और जिंदगी को फूलों जैसा खूबसूरत बना देंगे ।और दोनों प्यार के बंधन में बंध जाते हैं।