पिंकी और उसके पापा
पिंकी और उसके पापा
पिंकी काफी छोटी थी अपने पापा के साथ दिल्ली में रहती थी लेकिन किसी वजह से उसके पापा के पैर में चोट लग गई थी जिस से वह चल नहीं पा रहे थे। पूरे देश में कोरोना नामक बीमारी फैली हुई थी पिंकी जो केवल 15 साल की थी और लॉकडाउन भी चल रहा था जिस से वह दिल्ली से बिहार नहीं जा पा रहे थे। पिंकी को और उसके पापा को बिहार जाना था किसी भी तरह।
उसके पास केवल एक साइकिल थी जिसको उसके पापा चलाते थे। लंबा सफर था तो उसने सोचा कि साइकिल से ही चले जाते है क्योंकि कोई रास्ता भी नहीं था उसके पास। उसने कुछ खाने पीने का सामान रख लिया और चल पड़ी बिहार। रास्ता लंबा था। उसने साइकिल निकाली और पापा को साइकिल के पीछे बिठा दिया। रास्ता में साइकिल चलाते - चलाते कई बार गिरी पर हार नहीं मानी 6 दिन के लंबे सफर के साथ बाद वह बिहार पहुंच गई। वहां उसको देखकर सब आश्चर्यजनक हो गए। उसकी दुनिया में प्रशंसा हुई।