Sanam Writer

Action Crime Thriller

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Sanam Writer

Action Crime Thriller

पिंजड़ा ( भाग 10 से 12 )

पिंजड़ा ( भाग 10 से 12 )

8 mins
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भाग 10 :- वो अनजान शख्स गौतम को अस्पताल ले जाता है और उसका इलाज करवाता है और बाद में उसे घर छोड़ देता है लेकिन जाने से पहले कहता है"मेरा पीछा करने या कार का नंबर नोट करने की कोशिश मत करना क्योंकि कुछ हाथ नहीं लगेगा" गौतम जब घर के अंदर जाता है तो मानसी उसे इस हालत में देखकर घबरा जाती है गौतम उसे शाँत करता है और चिंता ना करने को कहता है। अगले दिन मानसी उसे इंस्पेक्टर राणा के बारे में बता देती है और कहती है कि उसे राणा पर शक है तो गौतम कहता है कि इंस्पेक्टर राणा भला ऐसा क्यों करेंगे उनका इसमें क्या फायदा लेकिन कहीं ना कहीं उसे मानसी की बात थोड़ी बहुत सही भी लगती है क्योंकि इंस्पेक्टर राणा उन गायब हुए बच्चों को ढूंढने की कोशिश नहीं कर रहा गौतम फिर मोहित को फोन करता है और इस बार मोहित फोन उठा लेता है उसकी आवाज़ से लगता है की मोहित रात भर जागा है गौतम मोहित से पूछता है कि उसकी आवाज़ ऐसी क्यों है तो वो झूठ बोल देता है कि वो पूरी रात ऑफिस का काम कर रहा था गौतम ने उससे सीधे सीधे पूछा की उसने मानसी से झूठ क्यों बोला ये सवाल सुनते ही मोहित फोन काट देता है और स्विच ऑफ कर लेता है बाद में गौतम ऑफिस के लिए निकल जाता है तो ट्रैफिक सिग्नल पर पहुँच कर देखता है की वो बच्चे जिन्हें वो रोज़ खाना देता है वो बच्चे पहले से ही कुछ खा रहे हैं वो उन बच्चों से पूछता है कि ये सब उन्हें किसने दिया तभी एक आवाज़ आती है "मैंने" फिरसे वही अनजान लड़का रहता है गौतम तंग आकर गुस्से में पूछता है कि तुम हो कौन और मेरा पीछा क्यों कर रहे हो तो वो कहता है " मैं गुरुओं का चेला मेले में अकेला बंदा हूँ अलबेला" गौतम उससे उसका नाम पूछता है तो वो कहता है "न्यूटन ने कहा है नाम में क्या रखा है" गौतम के चेहरे पर हँसी आ जाती है और वो कहता है ये लाइन शेक्सपियर ने कही थी तो वो लड़का फिर मज़ाकिया अंदाज़ में जवाब देता है "अरे किसी ने भी कहा हो उसने कह दिया हमने सुन लिया और तुम्हारे सामने बक दिया" गौतम उससे कहता है कि तुम बड़े मज़ाकिया किस्म के बंदे हो और उस दिन से दोनों में दोस्ती हो जाती है लेकिन अभी तक उस बंदे ने अपना नाम नहीं बताया होता। मानसी एक बार फिर पुलिस स्टेशन जाकर राणा से मिलती है और इस बार राणा वहाँ मौजूद होता है मानसी राणा से पूछती है कि उन बच्चों के बारे में पता चला क्या राणा उसके इस सवाल पर भड़क जाता है और बत्तमीज़ी से बोलता है कि यहाँ से चली जाओ वरना लॉकअप में डलवा दूंगा मानसी वहाँ से बाहर आ जाती है तभी वो देखती है कि मोहित पुलिस स्टेशन के अंदर जा रहा होता है तभी मानसी का फोन बजता है और एक और गाना सुनाई देता है "दुश्मन ना करे दोस्त ने वो काम किया है" और फोन कट जाता है मानसी सोचती है कि ये कॉल था किसका और वो किस दोस्त के बारे में बात कर रहा है।

भाग 11 :- मानसी जैसे ही पुलिस स्टेशन से थोड़ा आगे आती है तभी उसकी स्कूटी का पेट्रोल ख़त्म हो जाता है वो देखती है कि आस पास कोई उसकी मदद करदे तभी वहाँ मोहित आ जाता है और मानसी से कहता है कि वो उसे उसकी कार में घर छोड़ देगा और बाद में आकर स्कूटी ले जाएगा मानसी मोहित की कार में बिना किसी सवाल के बैठ जाती है क्योंकि मोहित उसका दोस्त होता है मोहित मानसी को पानी की बोतल देता है और कहता है कि ये ले पानी पी ले थक गई होगी मानसी पानी पी लेती है लेकिन पानी पीने के थोड़ी देर बाद मानसी बेहोश हो जाती है और मोहित उसे ले जाता है कुछ देर बाद मानसी को होश आता है तो वो एक अंधेरे कमरे में होती है उसके दोनों हाथ एक खम्बे से बंधे होते हैं और मुह पर पट्टी बंधी होती है वो समझ नहीं पाती उसके साथ क्या है तभी उस अंधेरे कमरे का दरवाज़ा खुलता है और एक अजीब सा दिखने वाला आदमी अंदर आता है और मानसी के मुह पर से पट्टी हटा देता है मानसी उससे पूछती है कि वो कौन है और ये कौनसी जगह है और उसे यहां कौन लाया तभी उस कमरे में मोहित आ जाता है और कहता है की तुम्हें मैं लेकर आया हूँ मोहित के हाथ में कॉफी का कप होता है वो मानसी को कॉफी ऑफर करता है मानसी उससे पूछती है कि उसने ऐसा क्यों किया और ये दूसरा आदमी कौन है मोहित कहता है कि पैसा ईमानदार से ईमानदार इंसान का ईमान भी डगमगा सकता है तो मैं क्या चीज़ हूँ मोहित उससे कहता है कि तुम्हें यहाँ लाने के लिए मुझे पूरे पाँच लाख रुपय मिलने वाले हैं और बस कुछ दिनों में मैं बहुत अमीर बनने वाला हूँ मोहित उस दूसरे आदमी से कहता है कि चलकर संस्कार को बताते हैं कि मानसी अब हमारे पास आ चुकी है तभी वो आदमी कहता है कि इतनी सुंदर लड़की है तो ऐसे कैसे इसे छोड़ सकता हूँ ऐसा कहकर वो आदमी मानसी के पास जाने लगता है और उसे छूने की कोशिश करता है तभी मोहित को छींक आती है और गरम गरम कॉफी उस आदमी के हाथ पर गिर जाती है और उसका हाथ जल जाता है मोहित उसे कहता है कि गलती से कॉफी उसके हाथ पर गिर गयी फिर वो आदमी मानसी के मुह पर फिर से पट्टी बांध देता है और मोहित के साथ वहां से चला जाता है लेकिन जाने से पहले मानसी से कहता है आज तो बच गई तू अगली बार नहीं बच पाएगी। गौतम मानसी का घर पर इंतज़ार कर रहा होता है बहुत रात हो जाने के बाद भी मानसी नहीं आती तो वो उसे ढूंढने निकल जाता है इस तरफ वो आदमी जो संस्कार की ही गैंग का मेंबर है वो मानसी के लिए खाना लेकर आता है और उसके हाथ खोलकर खाना खाने को कहता है लेकिन मानसी मना कर देती है वो आदमी मानसी को ज़बरदस्ती खाना खिलाने लगता है तो मानसी उसे थप्पड़ मार देती है वो आदमी कहता है तेरी इतनी हिम्मत सुबह तो तू बच गई लेकिन अब नहीं बच पाएगी ऐसा कहकर वो मानसी के हाथ पकड़ लेता है और ज़बरदस्ती करने की कोशिश करता है तभी मोहित उसे बुलाने आ जाता है कि संस्कार ने हम दोनों को मीटिंग के लिए बुलाया है वो आदमी मानसी को फिर बांध देता है और इस बार उसकी आँखों पर भी पट्टी बांध देता है और कहता है तेरा नसीब अच्छा है जो हर बार बच जाती है वो आदमी कमरे से ही बाहर निकलता है और मोहित के साथ चला जाता है।

भाग 12 :- गौतम सोचता है कि आखिर मानसी कहाँ गई होगी वो उसके दोस्तों को भी फोन करता है लेकिन किसी को कुछ पता नहीं होता और मानसी का फोन भी बंद रहता है वो उसके ऑफिस में जाकर भी पूछता है लेकिन ऑफिस में केवल सिक्योरिटी गार्ड के कोई नहीं होता तभी उसे ध्यान आता है की शायद मानसी मंदिर गई होगी लेकिन गौतम कभी मंदिर नहीं गया था इसलिए सोच रहा था की मंदिर जाऊं या नहीं पर मानसी के लिए उसने तय किया कि वो मंदिर जाएगा मानसी अक्सर भगवान विष्णु के एक मंदिर में जाती थी इसलिए गौतम भी उसी मंदिर में गया जैसे ही वो सीढ़ियां चढ़ कर ऊपर पहुंचा उसे एक आवाज़ आई "बहन की चिंता तुम्हे भगवान के पास ले ही आई" ये वही अनजान लड़का होता है गौतम उससे पूछता है की उसे कैसे पता चला कि मानसी घर नहीं लौटी है तो वो लड़का कहता है कि ये बात तो जाकर भगवान से ही पूछो मुझे भी उन्होंने ही बताया है गौतम मंदिर के अंदर नहीं जाता लेकिन बाहर से ही नज़रें झुका कर भगवान से बोलता है "आपको पता है मेरी बहन कहाँ गई" तभी वो लड़का कहता है की इतनी सी बात के लिए भगवान को क्यों परेशान कर रहे हो ये तो मैं ही बता देता हूँ ये सुनकर गौतम उस लड़के की कॉलर पकड़ लेता है और बोलता है "मतलब तुम्हें पता है मेरी बहन कहाँ है तो इतनी देर से बताया क्यों नहीं,कहीं तुम्ही ने तो मेरी बहन को गायब नहीं किया" वो लड़का मुस्कुराते हुए कहता है यार तुम ज़रा ज़रा सी बातों पर हिंसक हो जाते हो,वैसे मानसी कहाँ है ये तुम्हे इस वक्त सिर्फ एक ही इंसान बता सकता है और उसका नाम है इंस्पेक्टर राणा ये बोलकर वो लड़का वहाँ से चला जाता है लेकिन अब भी वो ये नहीं बताता की वो कौन है। गौतम फौरन पुलिस स्टेशन जाता है और इंस्पेक्टर राणा से ऊंची आवाज़ में पूछता है कि मानसी कहाँ है,राणा उसे कहता है कि उसे क्या पता मानसी कहाँ है लेकिन वो चाहे तो रिपोर्ट लिखवा सकता है उसके गुम होने की गौतम राणा की भी कॉलर पकड़ लेता है तो राणा उसे पुलिस इंसपेक्टर पर हाथ उठाने के जुर्म में लॉकअप में डाल देता है। दूसरी ओर मोहित और वो दूसरा आदमी संस्कार को बताते हैं की मानसी उनके कब्ज़े में है और मानसी गौतम की सबसे बड़ी ताकत है उसके बिना गौतम हम तक नहीं पहुँच सकता और इंस्पेक्टर राणा उसे ऐसा करने भी नहीं देगा संस्कार अपने आदमियों को कहता है कि मानसी को भी वही ले जाओ जहाँ वो सारे बच्चे कैद हैं मतलब उस तहखाने में और मोहित से इस काम में लीड करने को कहता है फिर मोहित अपने आदमियों के साथ मिलकर मानसी को उस तहखाने में ले जाता है मानसी कुछ नहीं समझ पाती क्योंकि उसकी आँखों पर पट्टी बंधी होती है तहखाने में ले जाकर वो लोग मानसी को बाकी बच्चों के बीच बैठा देते हैं लेकिन वो बच्चे भी कुछ नहीं बोल पाते क्योंकि उन सब के मुह पर पट्टी बंधी होती है।


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