फूलकुमारी
फूलकुमारी
एक था राजा जयचंद। उसकी एक बेटी थी। उसका नाम फूलकुमारी था। वो हमेशा हंसती रहती थी। एक दिन फूलकुमारी बहुत तेज़ तेज़ हंस रही थी तो राजा ने उसे गुस्से में कहा "फूलकुमारी तुम इतनी तेज़ तेज़ क्यों हंस रही हो। बस तभी से फूलकुमारी ने हंसना छोड़ दिया। अब वो ना हंसती, ना किसी से बोलती। बस सारा दिन गुमसुम रहती । उसके इस इस तरह उदास रहने के कारण सभी पशु पक्षी, फूल पौधे, नदी झरने सब उदास हो गए। राजा को अपनी गलती का एहसास हुआ। उसने बहुत कोशिश की कि फूल कुमारी फिर से हंसने लगे। लेकिन फुलकुमारी ऐसी उदास हुई, फिर ना हंसी।
राजा को बहुत चिंता हो गई। राजा ने सारे शहर में ऐलान कर दिया कि जो मेरी फूलकमारी को हंसा देगा, उसे मैं अपना आधा राज्य दे दूंगा और उसकी शादी फूलकुमारी के साथ कर दूंगा। यह सुनकर राजा के दरबार में तरह-तरह के मसखरे, मदारी और जोकर आने लगे। सब अपनी अपनी तरफ से कोशिश करने लगे कि फूल कुमारी हंसने लगे , लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। इससे राजा और भी दुखी हो गया। एक दिन राजा के दरबार में कहीं से एक मदारी आया। उसने आकर अपने करतब दिखाने शुरू किए। सबसे पहले उसने जमीन पर अपनी छड़ी डाल दी। जब वो अपनी छड़ी उठाने लगा, उसकी मूछें नीचे गिर गई।
जब वह अपनी मूछें उठाने लगा, उसका बड़ा सा पेट नीचे गिर गया। यह देखकर फूल कुमारी बहुत जोर जोर से हंसने लगी। फूल कुमारी को हंसता देखकर राजा भी हंसने लगा। राजा के साथ सभी पेड़ पौधे पशु पक्षी सब हंसने लगे। अब शहर में हंसी का माहौल था। राजा ने मदारी को अपना आधा राज्य देने का ऐलान किया।असलियत में वह एक मदारी नहीं था ,वह दूसरे देश का राजकुमार था। राजा ने फुल कुमारी की शादी राजकुमार के साथ कर के उसे विदा कर दिया।