Ervivek kumar Maurya

Romance

3.4  

Ervivek kumar Maurya

Romance

पहला चुम्बन

पहला चुम्बन

3 mins
282


पहले प्यार की बात ही अजीब होती है, पहला प्यार किसी से भी हो सकता है। वक़्त में हर तरीके के इंसान का आना होता है, जबकि मैंने जहाँ तक देखा है या महसूस किया है कि प्यार की उम्र या प्यार की कोई सीमा नहीं होती। मैं बात अपने बचपन की करना चाहता हूँ, मुझे तब शायद पता नहीं था कि क्या वो प्यार था या मुझे उसके साथ होना अच्छा लगता था। मुझे आज भी याद है उसका बारिश में भीगना और मेरा एकटक उसे देखते रहना। मुझे उससे लगाव था या प्यार पता नहीं, लेकिन मैं एक छतरी ले के झट से गया और उसे उस छतरी के नीचे कर लिया। उसने मुझसे पूछा कि ये क्या ? तुम ये क्या कर रहे हो? मैंने कुछ जवाब न दिया और उसे बस एकटक देखता रहा। जब मेरी नजरें उस पे टिकी थीं तो उसने भी अपनी नजरें मुझ पे टिका थीं। हम दोनों एक दूसरे को छाते के नीचे देखते रहे और देखिये खुदा भी हम दोनों के प्यार को चाहता था, इसलिए मौसम भी साथ दे रहा था।

बारिश रुकने का नाम नहीं ले रही थी और हम दोनों घर के बीच आँगन में एक दूसरे को बस देखते ही जा रहे थे। देखते-देखते हम दोनों की नजरें तो न हटी पर छाता हमारे हाथ से नीचे गिर गया और हम दोनों ही उस बारिश में भीगने लगे। मुझे पहली बार एहसास हुआ कि मैं इससे अलग तो नहीं रह सकता। क्योंकि मुझे उसके चेहरे के सिवा और कही देखने का सवाल ही नहीं पैदा हो रहा था। उसके लंबे बाल, बादामी चेहरा, स्याह सी काली आँखें , गुलाब की पंखुड़ियों से होंठ, सेब से भरे-भरे गाल, वो उसकी लचकती कमर और उन सब में सबसे प्यार उसके ठोढ़ी वाला तिल मुझे उसपे से नजरें ही नहीं हटाने दे रहा था। बहुत देर तकने के बाद मैंने उसे अपने बांहों में कस लिया और उसे अपने सीने से लगाया रहा। वो भी हमदम मेरी मुझे अपने हर लम्हें का एहसास कराती रही। हम लोग भले ही एक दूसरे से प्यार का इजहार न कर पायें या फिर कह लीजिये हम लोगों को तब पता न था कि प्यार होता क्या है पर हम दोनों ने एक दूसरे के एहसास को बड़े अच्छे से महसूस किया। उस बारिश के भीगने के पहले हम दोनों एक दूसरे को खूब गुदगुदाते और खूब शैतानियां करते थे ।लेकिन उससे मुझे लगाव, उस दिन कुछ ज्यादा ही हो गया । उसके लिए मेरे दिल कुछ एहसास के महल खड़े हो गये। हमने जब एक दूसरे को गले लगाया और कस के एक दूसरे से लिपटे थे , तभी अचानक मुझमें पता नहीं क्या हुआ। मैंने उसके लब झट से चूम लिये और उसे अपनी चाहत का फैसला सुना दिया। उसने भी मेरा बखूबी साथ निभाया और अपने लबों को चूमने का मुझे इशारा किया। फिर हम दोनों ने एक दूसरे को चुम्बन किया। वो बारिश शायद मेरे पहले ही प्यार को दिलाना चाहती थी या पहले प्यार से मिलाना चाहती थी। वो पहला प्यार हमारे चुंबन से शुरू हुआ।


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