Ervivek kumar Maurya

Drama Romance Tragedy

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Ervivek kumar Maurya

Drama Romance Tragedy

वक़्त,आशिकी नही समझता

वक़्त,आशिकी नही समझता

6 mins
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विक्की उन लम्हों को अपनी खुली आँखों से बैठा देख रहा था।वह सोच रहा था खुशियों का आज कल कोई भरोसा नही रहता ,कि कितनी देर तक ठहरेंगी ?तभी अचानक विक्की की आंख से एक प्यारा सा दर्द भरा मोती उसकी हथेली पर आ गिरा। आँखों ने इशारा कर दिया कि तुम शायद किसी की याद को याद करके अपने दिल को परेशान कर रहे हो। तभी अचानक आँखों से अश्कों की बारिश होने लगी। विक्की के ये आँसू कुछ ख़ुशी के भी थे और गम के भी।

प्यार बहुत ही खूबसूरत होता है। प्यार में आशिक खुद को भुलाकर अपने आशिक की हर छोटी-बड़ी चीजों का ख्याल रखता है। 

शायद विक्की को कल्पना से प्यार ही था, उस कल्पना से जो उसे लगभग 14 साल बाद अचानक से एक शादी समारोह में मिली। विक्की ने जैसे ही कल्पना को देखा ,उसे बचपन की सारी बातें याद आने लगीं। एक दूसरे को दोनों लोग चुप-चुपके कहीं खाने के बहाने तो,तो कहीं गोलगप्पे खाने के बहाने, तो कहीं आइसक्रीम के बहाने ,फिर शादी समारोह के मंच के सामने पड़ी कुर्सियों पे बैठकर दोनों ताकते रहे।जैसे ही सुबह हुयी तो कल्पना को पता चला कि ये शादी समारोह विक्की की बहन की शादी का था। अब सारी बातें साफ़ हो चुकी थीं।

विक्की ने कहा- जब तुम इतने सालों बाद मिली हो तो,तुम एक-दो दिन मेरे घर पर रुक जाओ।

कल्पना कहने लगी मेरा बैग तो दूसरी जगह है और मैं कपड़े भी नही लेके आयी।

विक्की ने तुरंत बाइक निकाली।

विक्की ने कहा- आओ बैठो अभी तुम्हारा बैग लेके आते हैं।

कल्पना ने कहा- अपनी बहन की विदाई तो कर लो उसके बाद चलना।

विक्की ने कहा- तब तक तो हम लोग लौट आयेंगे।

विक्की और कल्पना बाइक पे बैठ के चल दिए।

बाइक पे कल्पना थोड़ा दूर होके बैठी थी। तभी विक्की ने कहा शरमा रही हो क्या ? अरे थोड़ा अच्छे से बैठो।

थोड़ी देर बाद कल्पना ने विक्की के कंधे पे हाथ रख लिया और वो 14 साल के फासले को बखूबी कम कर लिया और एक दूसरे को जानने में लग गए। ढेर सारी बातों का पुलिंदा हम दोनों ने खोल खोल के बतला डाला।

इतनी बातें करने के बाद भी अभी दोनों एक दूसरे को जान नही पाये थे और न ही इतने करीब आ पाये थे।विक्की ने कल्पना को अपने 14 सालों के जीवन को 14 मिनट में समझाने की बखूबी कोशिश की।

विक्की,कल्पना के बैग को वहां से लेकर चल दिया। विदाई के समय तक दोनों घर पे पहुँच जाते हैं।

इत्तेफाक की बात ये थी कि विदाई वाले दिन विक्की और कल्पना ने सफेद रंग के कपडे पहन रखे थे। 

विदाई होने के बाद दोनों छत पे चारपाई डाल के बातें करने लगते हैं। बातें इतनी कि मानो कभी खत्म होने का नाम नहीं,तब तक विक्की का दोस्त अनुज भी छत पे आ जाता है। अनुज भी शादी में आया हुआ था। विक्की और कल्पना के पास अनुज भी बैठ गया, विक्की ने धीरे से इशारा कर अनुज को नीचे जाने के लिए कहा। अनुज इशारा समझकर नीचे चला गया। फिर विक्की और कल्पना प्रेम की बातें करने लगे।

कल्पना ने विक्की से पूछा- क्या अब तक तुमने कोई लड़की पसन्द नही की? क्या तुम किसी से प्यार करते हो ?

विक्की ने कहा- हाँ ,करता था।पर अब उस लड़की की शादी होने वाली है।

विक्की ने यही सवाल कल्पना से पूछा -कल्पना ने कहा अभी तक कोई खास नही मिला ,बस सभी दोस्त ही रहे।इन सब बातों के बीच विक्की कल्पना की गोद में लेट गया और बातें करने लगा। तभी अचानक कल्पना ने विक्की के गाल पे एक कस के गीला चुम्बन कर लिया।विक्की के मन में अब थोड़ा शैतानी का भाव चल रहा था। विक्की ने कल्पना को पास बुलाकर कहा क्या तुम होठों पे लिप बाम लगाये हो देखें। जैसे ही वो नजदीक आई ,विक्की ने झट से उसके लब चूम लिए।बातें होते-होते शाम हो गई। दोनों नीचे खाने के लिए चले गए। खाने के बाद विक्की और अनुज छत पे सोने के लिए चले गए और कल्पना नीचे सो गई।सुबह जब विक्की की आंख खुली तो विक्की क्या देखता है। उसके ऊपर लेट कल्पना अपने गीले बालों से उसके चेहरे को भिगा रही है।कल्पना गुलाब को देकर,अपने गीले होठों से विक्की के सुर्ख होठों को गीला कर अपने प्रेम का इजहार कर देती है। पास में लेटा अनुज सभी बातों को देख भी लेता है।

अब वक्त की बात आती है। वक्त,प्रेम नही समझता ,ये बात इस लव स्टोरी में निकल के सामने आएगी।

कल्पना ने विक्की से प्यार का इजहार किया। विक्की ने उस प्यार को स्वीकार कर ,कल्पना से बेतहाशा प्यार भी करने लगा। पर समय या वक़्त को कुछ और ही मंजूर था। कल्पना का प्यार अनुज(विक्की का दोस्त) के लिए जाग उठा। ये कब,कैसे और क्यों हुआ ? विक्की को भी पता नही चला।

एक दिन विक्की के पास कल्पना का फ़ोन आता है।

कल्पना कहती है- मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूँ। क्या तुम भी करते हो? 

विक्की कहता है- हाँ, इसमें कोई पूछने वाली बात है। मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ ,जो तुम चाहो मैं तुम्हारे लिए करने को तैयार हूँ।

कल्पना कहती है- उसी प्यार के खातिर नाराज मत होना ,मुझे एक बात बतानी है तुम्हें।

विक्की कहता है- नहीं, मैं भला नाराज क्यों होऊँगा ?

कल्पना कहती है- मैं अनुज यानी तुम्हारे दोस्त से प्यार करती हूँ।

विक्की कहता है- ये कैसा मजाक है ?,तुम झूठ कह रही हो।

कल्पना कहती है- नहीं, मैं सच कह रही हूँ। हमारे बीच लगभग 2 महीने हो चुके हैं ,पर तुम्हें बताने की हिम्मत नही कर पा रही थी।

विक्की कहता है- तो मेरे साथ झूठ का नाटक चल रहा था।

विक्की एकदम से हक्का-बक्का रह जाता है। कुछ देर उसे साँस लेने में तकलीफ होने लगती है और विक्की के दिल की धड़कनें तेज हो जाती हैं।

कल्पना उधर से बोलती है- विक्की,विक्की कुछ तो बोलो।

विक्की बहुत देर बाद थोड़ा सा होश में आकर कहता है- ठीक है,अच्छा है।जब तुम लोगों ने आपस में पहले फैसला कर लिया तो अब मुझसे पूछने की जरूरत क्या है? तुम लोग मस्त रहो, खुश रहो।

विक्की थोड़ी देर बाद फ़ोन करके पूछता है- कल्पना,जब तुमको यही करना था, तो तुमने मुझमें प्यार का दिया क्यों जलाया और अब बीच सफर में लाके मुझे छोड़ दिया।

कल्पना चुपचाप सुनती रहती है,कोई जवाब नही देती है फिर अचानक फ़ोन कट जाता है।

विक्की गुस्से में अनुज को फ़ोन करता है।

विक्की कहता है- कमीने,तुझे यही करना था ,तो बता दिया होता। छुरा घोंपना था तो पीठ में नही सामने से सीने में घोंपता। इतना दर्द तो न होता। पर तूने तो बहुत दर्द दे दिया। अपने दोस्त की प्रेमिका को ही तूने।

जा अनुज थू है तुझ पर ,तेरी यारी पर।

अनुज बहुत देर बाद बोलता है।

अनुज कहता है- विक्की , मैंने अपनी तरफ से कदम नही बढ़ाया। उसी ने कदम पहले बढ़ाया।

प्यार का इजहार उसी ने किया था और यह भी कहा अगर तुम मेरा प्यार स्वीकार नही करोगे तो मैं अपनी जान गवां दूंगी।

विक्की ने कहा- जब अपना सिक्का खोंटा हो तो दूसरे पे क्या जोर? 

विक्की कह के फ़ोन काट देता है।

विक्की आखिरी बार कल्पना को फ़ोन करता है।

विक्की कहता है- तुमने अच्छा नही किया मेरे साथ। पर मेरे दोस्त के साथ भी बुरा मत करना क्योंकि तुम अब भरोसे के लायक नही। एक लालच में आकर तुमने मेरा साथ छोड़ दिया। मुझे धोखा दे दिया। तुम बहुत कमाल की निकली कल्पना।

हमें नही पता था कि जरूरत के लिए या अपना उल्लू सीधा करने के लिए लोग प्यार को भी नही समझते। तुमने अपने फायदे के लिए,अपने वक़्त के लिए मेरे प्यार को नही समझा। तो अब तुम उसका भी दिल मत तोडना ,अच्छे रहना ,खुश रहना।

मुझे मेरे हाल पर छोड़ देना।

गुड बाई लव यू कल्पना।

विक्की ये कहके फोन काट देता है।


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