Ervivek kumar Maurya

Romance

4  

Ervivek kumar Maurya

Romance

वह लम्हा

वह लम्हा

6 mins
529


जिंदगी जीने के लिए एक लम्हा ही काफी होता है । हम उसे हर पल ,हर दिन ,हर सुबह ,हर शाम में याद रखते हैं। वह लम्हा जिसमें वह मेरे साथ कुछ पल रहा और मुझे बहुत सारी खुशी दे गया । मैं कभी भी उन पलों को भूल नहीं पाऊंगा ,जिसमें वो हमेशा मेरे साथ रहा मुझे यह भी लगता है कि वह मेरे पास आज भी मौजूद है । मुझे वह वक्त याद आ रहा है, जब मैं अपनी जिंदगी को अपनी जिंदगी ना समझ कर उस पर ढेर सारे इल्जाम लगाए बैठा था और उन्हें सच में साबित भी करना चाहता था जिससे मुझे सजा हो जाये और मैं जिंदगी के दिए को बुझता देखूं । मैं खुद को अपनी जिंदगी को जीने की आखरी मंजिल तक जल्द से जल्द पहुंचाना चाहता था । मुझे लगता था कि मेरे पास अब कुछ नहीं रहा और मेरे पास कोई भी ना रहा। मुझे हर वक्त यह सताता था कि मैंने जो भी किया ,जो भी जिया जैसा भी जिया ,क्या सही था ? मुझे नहीं लगता कि मैं गलत था ,पर वह वक्त मुझे झकझोर दे रहा था । मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूं ? मैं अपनी हर व्यथा को, हर परेशानी को, हर तकलीफ को किसी से कैसे बयां करूं ? कैसे कहूं ? किसके सामने सुनाओ ? कौन मेरी मानेगा ? इतनी सारी बातें मेरे मन में बैठी हुई थी । अब मुझे जीने की कोई चाह नहीं थी ऐसा लग रहा था, कि मैं एक गहरे समंदर में डूबता जा रहा हूं ,जबकि समंदर में कोई डूब नहीं सकता । वह गहरा समंदर कोई और नहीं बस गम का समंदर था । मुझे किस बात का गम था ? कौन सी बात मुझे परेशान कर रही थी ?किसने मुझे क्या कहा, मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था। मैं बस अपने में ही दुख दर्द से कराह रहा था । मैं यह भी नहीं जानता था कि मेरे साथ आगे क्या होने वाला है । अब उस लम्हे को आपके सामने रखना चाहता हूं जिसमें मैं अपने पल कोअच्छे से जी पाया और अपनी जीवन यात्रा को थोड़ा सा ओर आगे बढ़ाया मुझे याद है कि मैं उस दिन या उस पल ,उस लम्हा एक शांत नदी की तरह बैठा हुआ था जैसे कि सुबह के समय नदी का पानी बिल्कुल शांत होता है ।

मैं अपने सोच के समंदर में बैठा हुआ था। मैं उस समंदर से कुछ मंथन करके निकालना चाहता था। अब मुझे बिल्कुल शांत होकर फैसला करना था कि मुझे आगे क्या करना चाहिए । तभी अचानक मेरे जीवन में एक नया मोड़ आया । जैसे कि किसी का आना ,किसी की नई बातें , किसी का बहाने से आना या किसी का इत्तेफाक से आना, मुझे नहीं पता था पर वो लम्हा मुझे हमेशा याद रहता है, याद रहेगा जो बहुत ही सुंदर तरीके से मेरे साथ हुआ । मैं बहुत ही मन की व्यथा में उलझ-पुलझ करते हुए गोते लगा रहा था । तभी अचानक एक सुंदर सी बाला का चेहरा मेरे सामने आया उसे देख कर मुझे लगा कि मैं कुछ पल जिंदगी के आगे बढ़ा सकता हूं । मुझ में जीने की थोड़ी सी हिम्मत ओर जाग उठी। उसकी चेहरे की आभा मुझे उसकी तरफ आकर्षित कर रही थी । मैं अपने सारे गमों को भूल गया था । उसकी आंखें मानों कि झील सी गहरी ,उसके बाल काली घटा जैसे ,उसके होंठ गुलाबी पंखुड़ियों जैसे ,उसके गाल सेब से, उसकी गर्दन सुराही की गर्दन की तरह, मनमोहक उसकी सुंदरता मुझे उसकी तरफ आकर्षित कर रही थी ।अब मुझे लगने लगा कि इस संसार में बहुत कुछ है अगर जिया जाए तो हंस कर जिया जा सकता है । मुझे में जितने भी गलत विचार उत्पन्न हो रहे थे ,वह सारे ध्वस्त हो गए । ऐसा लग रहा था मानो मेरी नाँव किनारे लगाने के लिए एक खेवनहार मेरी जिंदगी में आ गया था। मुझे भी अच्छा लग रहा था उसे देख कर मैं कुछ और पल जीना चाहता था । मुझे ऐसा लगा कि मैं क्यों ? मैं क्यों नहीं जी सकता । अभी तो मैं बहुत आगे जा सकता हूं ।सारी खुशियां बटोर सकता हूं । हर पल को आनंदमय तरीके से जी सकता हूं । वह सुंदर सी बाला मेरे आंखों में ,मेरे दिल में, धड़कन में ,मेरी सांसों में ,हर एक तन के कण-कण में समा गई थी ।उसकी खुशबू मानो पूरे चमन को महका रही थी ।कुछ पल उसको देखते देखते इतना मैं मोहित हो गया कि हर तरफ मुझे वो नजर आने लगी। मेरे नजरों से बिल्कुल हट नही रही थी । अब मुझे उसकी इच्छा होने लगी ,ऐसी चाह नहीं कि मैं उसे पा लूं, ऐसी चाह नहीं कि मैं उसे बस अपने साथ रखूं,ऐसी चाह नहीं की उसे बस अपना बना लूँ, मुझे तो ऐसी चाहत थी कि वह मेरे सातों जन्म में रहे, मैं उसका रहूं वह मेरी रहे । मैं उसे अब हर वक्त सोचने लगा मेरे जहन में वो समा गई ।उसे देखने के लिए मैं व्याकुल सा रहता था ।मेरी व्यथा को उसने भी देखा और मेरे कुछ करीब आ गई ।उसने अपनी मुस्कान से मेरे गमों को कम किया। उसने मेरे घावों को भरने का भरसक प्रयास किया और मेरे घावों को काफी हद तक भर भी दिया । उसके साथ बिताया हुआ हर लम्हा ,मुझे हर वक्त याद आता है ।वह बारिश का मौसम और सावन का मौसम जिसमें हम दोनों एक दूजे के साथ भीग रहे थे ।उसके यौवन कलशों को भीगे हुये पतले से आंचल से देख रहे थे । हम दोनों खुले आसमान के नीचे बिना परवाह के, एक दूसरे के बाहों में जकड़े हुए थे ।उस वक्त ऐसा लग रहा था कि बस हम और वह और कोई नहीं ,सारा जहां सो गया था, बस हम ही तो जग रहे थे । ऐसा लग रहा था कि दुनिया शुरू होने के एक पल जैसे हम दोनों ही थे । वैसे ही बस दो जिस्म एक जान हम थे ।मुझे उस समय उसके अलावा कोई नहीं दिख रहा था । उसके होठों पर वह माथे से आता हुआ पानी मानो लग रहा था कि उसकी झलकती जवानी को ऊपर से नीचे तक छूना चाह रहा है और छूता भी जा रहा है ।मैंने उसके गीले लबों को चूमकर अपने प्यार का इजहार उसे करा दिया । मैंने उसे कस के बाहों में भर लिया ।अपनी धड़कन की धड़क को उसके धड़क में मिला दिया । मैं उसका हो गया और वह मेरी हो गई । मुझे उसने बेहद प्यार किया और सारे गमों को उसने अपने अंदर आत्मसात कर लिया ।उसने मेरी आंखों में एक भी आंसू ना छोडे ,सारे आंसुओं को उसने मोती की माला में पिरो दिया । उसने मुझे हंसाया, उसने मुझे जीना सिखाया ,उसने मुझे लड़ना सिखाया ,उसने मुझे प्यार करना सिखाया ।ऐसी चाहत, ऐसी राहत, ऐसी मोहब्बत,ऐसी आदत,ऐसी मन्नत,ऐसी जन्नत,ऐसी दौलत,ऐसी शोहरत, ऐसा एहसास ,ऐसा दिलदार, ऐसा यार,ऐसा प्यार,ऐसा सनम, ऐसा हमसफर ,ऐसी जिंदगी ,ऐसी बंदगी, ऐसी कहानी ,ऐसी दीवानी,ऐसी जवानी ,ऐसी यारी, ऐसी दिलदारी , ऐसी दोस्ती और वह ऐसा एक लम्हा मुझे हमेशा हमेशा हमेशा याद रहेगा ।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Romance