पछतावा

पछतावा

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शर्मा जी अपनी इकलौती बेटी दिया से बहुत प्यार करते थे।

वे उसकी हर इच्छा पूरी करते थे। उसके कहने पर उन्होने उसे मोबाईल फोन लेकर दे दिया। घर पर इंटरनेट भी लगवा दिया। नतीजा यह हुआ कि दिया ने दिन पर फोन पर सहेलियों से बात करना शुरू कर दिया।

सोशल मीडिया पर पूरा दिन वह व्यस्त रहती। पढाई पर से उसका ध्यान हट गया। शर्मा जी को अपनी गलती का अहसास तब हुआ जब उनकी बेटी परीक्षा मे फेल हो गयी। आखिर उन्होने स्वीकार किया कि दिया के स्नेह मे अंधा बन उसकी हर इच्छा पूरी करना ऐसा ही था जैसे कहना आ बैल मुझे मार !


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