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Kumar Vikrant

Crime

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Kumar Vikrant

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पैसा ये पैसा (एक ईमेल)

पैसा ये पैसा (एक ईमेल)

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पैसे की किल्लत ने ढक्कन प्रसाद उर्फ़ डिप्पी की हालत खराब कर के रख दी थी, उसके ज्यादा शौक तो नहीं थे लेकिन उसका डेढ़ कुंतल का शरीर तो दिन में कम से कम चार बार खाना मांगता ही था।

उसकी चाची जो एक बार देवदास की पारो के नाम से मशहूर हो गई थी; उसके राईस मिल में डिप्पी का सुपरवाइजर की नौकरी उस दिन खत्म हो गई जिस दिन पारो ने ने उसे चावल की भूसी के ढेर पर सोते हुए देख लिया था। पारो एक जालिम महिला थी उसने तत्काल डिप्पी को अपने राईस मिल से निकाल बाहर किया।

मिल से निकलने के बाद डिप्पी की न केवल तन्खा बंद हुई बल्कि उसे राईस मिल में तीनो टाइम खाने के लिए मिलने वाली खिचड़ी भी बंद हो गई।

डिप्पी हमेशा एक लापरवाह इंसान रहा था जिसने हमेशा जो भी कमाया था वो हाथ के हाथ उड़ा दिया था; आज ये आलम था कि उसके मोबाईल में इंटरनेट तो था लेकिन उसके घर में खाने के लिए दो टाइम की रोटी नहीं थी।

आज सुबह जैसे ही डिप्पी की आँख खुली तो उसकी निगाह घर में पड़े खाली डिब्बों और बर्तनो पर गई, वाह री किस्मत न पीने को चाय और न खाने के लिए खिचड़ी।

तभी उसके मोबाईल की नोटिफिकेशन की बेल बजी, कोई मैसेज या ईमेल थी शायद।

मोबाईल के नोटिफिकेशन चेक करने पर पता लगा कोई ईमेल थी।

ईमेल इंग्लिश में थी जिसका मतलब यह था कि आपकी ईमेल ने पचास लाख रूपये का इनाम जीत लिया है। अगर आपको इनाम क्लेम करना है तो दिए गए फोन नंबर पर खज़ाना बैंक के मैनेजर से बात करें।

डिप्पी ने तत्काल दिए गए नंबर पर फोन लगा दिया लगभग तीन या चार बैल जाने के बाद फोन उठा लिया गया, "दूसरी तरफ से कोई महिला इंग्लिश में बोली, क्या बोली डिप्पी के कुछ भी समझ में नहीं आया।

"मैडम हिंदी में बोलो और मेरे इनाम का ५० लाख मुझे दे दो।" डिप्पी ने चिढ कर कहा।

"तुम अपना बैंक अकाउंट नंबर बोलो और प्रोसेसिंग फीस १० हजार रूपये जमा करो, तुम्हारा इनाम का पैसा तुम्हारे अकाउंट में ट्रांसफर कर दिया जाएगा।" उस औरत ने थोड़े साऊथ इंडियन अंदाज में जवाब दिया।

"दस हजार की बात तो क्या मेरे पास १० रूपये भी नहीं है, इनाम देना हो तो दो नहीं तो भाड़ में जाओ......" डिप्पी गुस्से से बोला।

"तुम करता क्या है?" उस महिला ने पूछा।

"दिन भर चारपाई तोड़ता हूँ.....तुम्हें कोई तकलीफ; इनाम दोगी या नहीं?" डिप्पी गुस्से से बोला।

"पहले दस हजार जमा कराओ नहीं तो इनाम को भूल जाओ......वैसे अगर तुम चाहो तो तुम्हे दस हजार रूपये कमाने का मौका दिया जा सकता है।" वो महिला बोली।

"वो कैसे?" डिप्पी ने पूछा।

"तुम कहाँ रहते हो?" उस महिला ने पूछा।

"गुलफाम नगर में।"डिप्पी ने जवाब दिया।

"उधर भी हमारा ऑफिस है स्लॉटर हॉउस के सामने। सुबह दस बजे वहाँ जाकर दिलखुश से जाकर मिलो वो तुम्हे काम पर रख लेगा और उसके साथ काम करने के लिए १० हजार रूपये महीने की तन्खा देगा; जाओ मिलो जाकर उससे।" उस औरत ने यह बात कर के फोन बंद कर दिया। 

दस हजार रूपये कमाने की खुशी में पागल डिप्पी सुबह दस बजे से पहले ही डिप्पी उस गुमनाम ऑफिस में आ पहुँचा। दिलखुश एक दैत्याकार भयानक शक्ल का आदमी निकला उसने डिप्पी को देखते ही कहा, "यहाँ थोड़ी देर में सट्टा पर पैसे लगाने वाले शुरू हो जाएँगे, तेरा काम है जो सट्टेबाज जिस नंबर पर जितने पैसे का सट्टा लगाए उससे पैसा लेकर टोकन देते रहना। शाम को सट्टे के नंबर खुलने के बाद जीतने वाले नंबर को उसकी जीती हुई रकम दे देना। मैं पीछे ऑफिस में बैठकर तुझ पर निगाह रखूँगा, जरा भी हेरा फेरी की तो तेरा सिर फोड़ दूँगा, काम मंजूर हो तो काम पर लग जा नहीं तो दफा हो जा यहाँ से तब तक तेरे जैसा कोई दूसरा आ जाएगा।"

"ये तो गैरकानूनी काम है; अगर पुलिस ने धर लिया तो?" डिप्पी ने चिंता के साथ पूछा।

"ये तेरे सोचने का काम नहीं है; ऊपर वाले पुलिस को मैनेज कर के रखते है। तुझे काम करना हो तो काम पर लग जा नहीं तो मेरा टाइम खराब न कर।" दिलखुश नाराज होकर बोला। 

बेरोजगारी के मारे डिप्पी को सही गलत में फर्क नजर नहीं आ रहा था इसलिए उसने काम पर लगना ही उचित समझा। दोपहर तक उसने मेहनत से काम किया तो दिलखुश ने उसे खाना खिलवाया और बोला, "मेहनत से लगा रह......बहुत तरक्की करेगा।"

"और मेरी जो लॉटरी निकली है ५० लाख की उसका क्या होगा?" डिप्पी ने पूछा। 

"बेटे अब तू हम लोगो में से एक है इसलिए बता देता हूँ वो सिर्फ एक जाल है जिसमे हम लालची लोगो को फंसा कर उनसे पैसा ऐंठते है, भूल जा उन ५० लाख को......ला अब जितना कैश इकट्ठा हुआ है उसका हिसाब दे मुझे, मुझे कैश को बैंक में जमा करवाने जाना है। जो भी सट्टे में जीतेगा उसे उसका पेमेंट कल दिया जाएगा।" कह कर दिलखुश बैग में सट्टे का पैसा लेकर चला गया। 

शाम हुई, लोग विजेता नंबर के बारे में पूछने आने लगे लेकिन डिप्पी को कुछ पता होता तो बताता। भड़की हुई भीड़ ने उस ऑफिस का दरवाजा तौड़ कर डिप्पी की जबरदस्त पिटाई कर पुलिस के हवाले कर दिया। 

एक ईमेल की वजह से डिप्पी की जिंदगी पूरी तरह बदल चुकी थी अब वो एक अपराधी था और उसके खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जेल भेजने की तैयारी की जा रही थी। 


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