Kumar Vikrant

Crime

4  

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पापी (प्रांप्ट-9)

पापी (प्रांप्ट-9)

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'देख भाई पटाखा!' १९ साल के जॉनी ने सड़क पर साडी पहन कर जाती हुई महिला की तरफ देखते हुए १८ साल के टोनी की तरफ आँख दबाते हुए कहा।

'फीगर तो बहुत जोरदार है......बस शक्ल भी अच्छी हो तो मजा आ जाए।' टोनी ने हँसते हुए कहा।

'अबे शक्ल का क्या करना है? अपन का तो स्टाइल ही- कवर द एंड.......' जॉनी ने ठहाका लगाते हुए कहा।

'बहुत मक्कार है बे तू.......लेकिन यार ये तो बड़ी उम्र की लग रही है।' टोनी अपनी आँखे गोल-गोल करते हुए बोला।

'आज से पहले तूने उम्र की परवाह की है जो आज परवाह करने लगा, अबे आंटी हो या भाभी, अपनी नजर में सब एक है....... ऐसा कर इसे कब्रिस्तान की सुनसान सड़क पर दबोच कर कब्रिस्तान में घसीट लेंगे, चल अब स्की मास्क पहन ने अगर पहचान लिए गए तो बड़े लंबे नपेंगे।' जॉनी ने अपने चेहरे पर स्की मास्क पहनते हुए कहा।

अजीब सी उजाड़ सड़क थी दोपहर के दो बजे भी उसपर कोई इंसान नजर नहीं आ रहा था, जॉनी और टोनी जो सगे भाई थे और इस सड़क पर कई बार लड़कियों और औरतो को स्की मास्क पहन कर अपनी हवस का शिकार बना चुके थे। दुराचार की शिकार महिलाओं ने पुलिस को शिकायत की लेकिन उनके दुराचारी कभी पकड़े न जा सके, इसी वजह से जॉनी और टोनी के होंसले बढ़े हुए थे; आज फिर एक महिला उन्हें सड़क पर अकेली मिल गई थी और उनका शिकार थी।

उम्र के हिसाब से लंबे और मजबूत दोनों लड़को ने मुँह पर मास्क पहने उस महिला को उजाड़ कब्रिस्तान के कोने पर जा दबोचा और जॉनी उसे अपने कंधे पर लाद कर कब्रिस्तान के अंदर ले चला जहाँ उसने उस महिला को एक टूटी कब्र के पीछे ले जा पटका।

दो ही मिनट में उन दोनों ने उस महिला की साडी को उतार फेंका, लेकिन उन्हें एक बात का आश्चर्य था कि इतना कुछ होने के बावजूद भी वो महिला न तो चीख रही थी और न ही बचने का प्रयास कर रही थी।

'लगता है पागल है इसलिए चीख नहीं रही है.......इसका मास्क तो हटा, देखे तो सही कौन है ये......' कहते हुए जॉनी ने उस महिला का मास्क उतार फेंका।

उस महिला का मास्क उतरते ही उन दोनों के होश उड़ गए और उन दोनों के मुँह से निकला- 'मम्मी!'

अपनी खुद की माँ को अपने शिकार की जगह देख कर उनके होश उड़ चुके थे उन दोनों को कुछ न सूझा और वो दोनों कब्रिस्तान के गेट की तरफ भाग निकले। लेकिन कब्रिस्तान के गेट पर एक पुलिस की गाड़ी खड़ी थी। वो दोनों वापिस कब्रिस्तान की तरफ दौड़े; लेकिन चार सिपाहियों ने तेजी से दौड़कर उन्हें जा दबोचा।

'पकड़ लो इन बदमाशों को, जरा देखो कहीं इन बदमाशों ने अपनी ही माँ मिसेज धर्मा को अपनी हवस का शिकार तो नहीं बना लिया?' सिपाहियों के साथ आए सब इंस्पैक्टर ने चिंता के साथ कहा।

'मैं तो बच गई इंस्पैक्टर साहब लेकिन आपसे एक रिक्वेस्ट है इस शहर में जितनी भी महिलाएं रेप विक्टिम हुई है उनके शरीर पर पाए उनके रेपिस्ट के डी एन ए सैंपल से इन दोनों के डी एन ए सैंपल से मैच करके देख लीजियेगा, अगर मैच हो जाए तो दोनों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाइएगा।' मिसेज धर्मा ने वहाँ आकर उन दोनों की तरफ इशारा करते हुए कहा।

'आप के साथ इन्होने जो किया है उसके बाद अब ये तय हो चुका है कि आपसे पहले भी इन दोनों ने अन्य युवतियों और महिलाओ को अपना शिकार बनाया है इसलिए अब ये कानून के शिकंजे से बच न सकेंगे।' सब इंस्पैक्टर बोला, 'लेकिन आपकी हिम्मत को सलाम है जो आपने इन्हे सबक सिखाने के लिए ये यह कठोर कदम उठाया।

'गलत किया, मम्मी आपने अपने बेटों के साथ बहुत गलत किया, आप हमे समझा भी तो सकती थी........' जॉनी नाराजगी से बोला।

'बेटा तुम दोनों को हमेशा अच्छे रास्ते पर चलने की सलाह दी, माँ बेटियों की इज्जत करने की सलाह दी। जब भी तुम किसी महिला या युवती को अपना शिकार बना कर घर आते थे और कई दिन तक घर में छिपे रहते थे तो मै समझ जाती थी कि तुम जरूर कुछ गलत करके आए हो.......तब भी मैं तुमको समझाती थी कि गलत कामों से दूर रहो........क्या तुमने मेरी बात सुनी, खुद को सुधारा? नहीं सुधारा न? अब मेरे पास तुम दोनों को कानून के हवाले करने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा था........तुम्हे समझ लेना चाहिए था कि मैं उन माओं में से नहीं हूँ जो तुम जैसे बेटों को आजाद छोड़ दूँ, माँ बेटियों के लिए खतरा बनने दूँ। इंस्पैक्टर साहब इन पापीयों को मेरी निगाहो से दूर ले जाओ.........' मिसेज धर्मा अपने पापी बेटों की तरफ देखकर रोते हुए बोली।


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